मायावती ने नेता नहीं कलेक्शन एजेंट रखे हुए हैं: राज बहादुर

मेरठ
राज बहादुर यूपी के उन चुनिंदा दलित नेताओं में से एक हैं जो बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एंप्लाई फेडरेशन (बामसेफ), दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4) और बसपा तीनों के अहम पदों पर रहे हैं. वो कहते हैं कि मायावती ने कांशीराम का सपना तोड़ा नहीं बल्कि ध्वस्त कर दिया है. कांशीराम बहुजन के लिए काम करते थे और मायावती सिर्फ अपने निजी हित के लिए काम करती हैं. निजी हित की वजह से न उन्होंने किसी पर विश्वास किया और न उन पर किसी और ने. इसलिए अब वो पार्टी में अपने परिवार के सदस्यों आनंद कुमार और आकाश आनंद को आगे बढ़ा रही हैं. मायावती ने नेता नहीं कलेक्शन एजेंट रखे हुए हैं.

'जिसकी जितनी थैली भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'
बसपा के संस्थापक सदस्य राज बहादुर ने कहा कि, जब कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की थी तब इसका नारा था 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी', लेकिन जब से इसे मायावती ने टेकओवर किया है तब से इसका नारा हो गया है-'जिसकी जितनी थैली भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी'.

 

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