महिला को था ब्रेस्ट कैंसर और दिल में ट्यूमर, एक साथ की गई दोनों सर्जरी

 
नई दिल्ली 

55 साल की एक महिला एक साथ दो गंभीर बीमारियों- ब्रेस्ट कैंसर और दिल में ट्यूमर से पीड़ित थी। डॉक्टरों के सामने चुनौती थी दोनों में से कौन सी बीमारी का इलाज पहले किया जाए क्योंकि दिल की सर्जरी करते हैं तो कैंसर फैलने का खतरा था और पहले कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरपी करते हैं तो उसे सहने की स्थिति में महिला नहीं होती। दोनों ही स्थिति में मरीज की जान खतरे में थी। ऐसे में दो अलग-अलग विभागों के डॉक्टरों ने एक साथ दिल का ट्यूमर और ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी कर महिला को नई जिंदगी दी। डॉक्टरों का दावा है कि इस तरह दो बड़ी बीमारी की सर्जरी एक साथ एक टेबल पर पहली बार की गई है। 

ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिला के हार्ट के पास ट्यूमर था 
यूपी की 55 साल की महिला दाएं ब्रेस्ट में कैंसर के इलाज के लिए वसंत कुंज स्थित फॉर्टिस हॉस्पिटल पहुंची। जांच के दौरान पता चला कि महिला के हार्ट के पास एक ट्यूमर था। दो अलग-अलग प्रकार का ट्यूमर पाया गया। एक ब्रेस्ट के पास कैंसर ट्यूमर और दूसरा दिल के पास ट्यूमर जो कैंसर वाला नहीं था। अस्पताल ने महिला के इलाज के लिए एक बोर्ड बनाया, जिसमें कैंसर स्पेशलिस्ट, हार्ट स्पेशलिस्ट, ऐनेस्थीसिया, क्रीटिकल केयर को शामिल किया गया। ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मंदीप मल्होत्रा और हार्ट सर्जन डॉ. संजय गुप्ता व डॉ. दीपक झा की अगुवाई में इस सर्जरी को अंजाम दिया गया। 
 
कोई एक सर्जरी पहले की जाती तो जान को था खतरा 
डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि कैंसर के इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली इम्युनोथेरपी और कई प्रकार के कीमोथेरपी की दवाएं दी जाती हैं, जो दिल को कमजोर करती हैं। इसलिए दिल को इस लायक बनाना जरूरी था कि वह इसे सहन कर सके। डॉ. ने बताया कि कैंसर की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। अगर हम ब्रेस्ट से पहले हार्ट की सर्जरी करते तो यह ओपन हार्ट प्रोसीजर में करना पड़ता। मरीज की दिल की सर्जरी के बाद चार से पांच हफ्ते तक दूसरी सर्जरी नहीं हो सकती थी। ऐसे में उनका ग्रेड तीन का कैंसर ग्रेड चार में पहुंच जाता। ऐसे में मरीज की जान जोखिम में पड़ जाती। 
 
सर्जरी के 7 दिन बाद ही मिल गई अस्पताल से छुट्टी 
तो वहीं, अगर हार्ट ट्यूमर से पहले ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किया जाता तो इलाज में दवाओं की वजह से दिल पर पड़ने वाले असर से बीच में इलाज छोड़ना पड़ सकता था। इससे भी मरीज की जान जा सकती थी। इसलिए मेडिकल बोर्ड ने जनरल ऐनेस्थीसिया की मदद से दोनों ऑपरेशन एक साथ करने का फैसला किया। पहले मरीज की ओपन हार्ट सर्जरी की गई और फिर उनके सीने को बंद करने के बाद कैंसर ट्यूमर हटाने के लिए ब्रेस्ट सर्जरी की गई। मरीज को 48 घंटे तक आईसीयू में रखा गया और सर्जरी के 7वें दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई। डॉक्टर ने कहा कि मरीज के परिवार वालों की मदद की वजह से हम ऐसा कर पाए। उनकी सहमति से हमारी हिम्मत बढ़ी और इस तरह की सर्जरी करने में हमें सफलता मिली। 
 

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