महाराष्ट्र: सीट बंटवारे पर फंसा पेंच, क्या BJP का फार्मूला मानेगी शिवसेना?

मुंबई

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2019 में भले ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच गठबंधन को लेकर कोई तकरार नहीं देखने को मिली, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में भी वही तस्वीर देखने को मिल रही है जैसी विधानसभा चुनाव 2014 में दिखी थी.

फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार बीजेपी गठबंधन का स्टियरिंग संभाल रही है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने शिवसेना को साफ कर दिया है कि पिछले विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने जितनी सीट जीती थी, उतनी सीटें दोनों दलों के पास रहेंगी. बाकी जो सीटें बचेंगी उसमें बंटवारा होगा. इस हिसाब से शिवसेना को करीब 115 सीटें मिल रही हैं.

वहीं शिवसेना ने बीजेपी के इस बंटवारे पर आपत्ति जताई है और कहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुंख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था विधानसभा चुनावों में सीटों को बंटवारा बराबर होगा.

पिछले सप्ताह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव के लिए भी गठबंधन की घोषणा कर दी जाएगी, लेकिन 7 दिन बाद भी इसका ऐलान नहीं हुआ है.

बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना 150 सीटों से नीचे जाने को तैयार नहीं थी और इसी वजह से इस बार बीजेपी टालमटोल वाला रवैया अपना रही है. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना नेतृत्व हालांकि पिछली बार के मुकाबले कम सीटों पर लड़ने को तैयार है, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी द्वारा दी जा रही 128 सीटों पर शिवसेना राजी नहीं है. शिवसेना कम से कम 135 सीट मांग रही है.

सीट बंटवारा इसलिए भी कठिन हो रहा है क्योंकि दोनों पार्टियों ने कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं को अपनी पार्टी में भर लिया है. बीजेपी और शिवसेना में शामिल होने वाले नेता सीटों पर अपने टिकट निश्चित करने के बाद ही कांग्रेस और एनसीपी का दामन छोड़ा है. इस कदम को इस तरह से भी देखा जा रहा है कि दोनों पार्टियां गुप्त रूप से गठबंधन के मामले में अलग से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं.

उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्होंने फडणवीस को शिवसेना के उम्मीदवारों की सूची तैयार करने और इस सिलसिले में बताने को कहा था. फडणवीस टालमटोल वाला रुख अपनाए हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना परिस्थितियों के हिसाब से सीटों के बंटवारे को स्वीकार करेगी. हालांकि शिवसेना के कुछ नेता उद्धव ठाकरे पर 135 से कम सीटों पर समझौता नहीं करने का दबाव बना रहे हैं.

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