महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर जद्दोजहद, कांग्रेस के साथ शिवसेना की बातचीत

मुंबई
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद बुधवार को सियासी गहमागहमी तेज हो गई है। शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक खत्म हो गई। 50 मिनट तक चली बैठक के बाद बाहर निकले उद्धव ठाकरे ने कहा कि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन उद्धव ने क्या चर्चा हुई, इस पर पत्रकारों को बताने से इनकार कर दिया। बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद कांग्रेस और शिवसेना के बीच बातचीत शुरू हुई है।

कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के बाद बोले उद्धव, 'बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। क्या बात हुई अभी कैसे बताऊं। आज हमने चर्चा की शुरुआत की है।' उधर एनसीपी ने कहा है कि नए साल में महाराष्ट्र में नई सरकार बनेगी। बीजेपी ने भी अपने विधायकों के साथ ताजा हालात पर मंथन करने के लिए तीन दिवसीय बैठक बुलाई है। उधर पांच दिन से जयपुर के रिजॉर्ट में रुके कांग्रेसी विधायक महाराष्ट्र लौट रहे हैं। सोनिया चाहती हैं कि शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने से पहले एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय होना चाहिए।

कांग्रेस नेताओं के साथ उद्धव की बैठक
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच फिर बातचीत लगभग 50 मिनट तक चली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुंबई के ट्राइडेंट होटल में शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की कोऑर्डिनेशन कमिटी के नेताओं में बैठक हुई। इसमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर मंथन किया गया। इस बैठक में उद्धव के साथ मिलिंद नार्वेकर भी मौजूद रहे। वहीं, कांग्रेस के महाराष्ट्र अध्यक्ष बाला साहेब थोराट, अशोक चव्हाण और माणिकराव ठाकरे मौजूद रहे।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर कांग्रेस का जोर
सरकार बनाने पर फंसे पेच के बीच तीनों पार्टियां (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) कुछ मुद्दों और शर्तों पर आम सहमति के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं। वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कट्टर हिंदुत्व की समर्थक मानी जाने वाली शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर दरवाजे खोले हैं। इसके लिए अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे ने सोनिया को तैयार किया। इसके बाद सोनिया ने शरद पवार से बात की और तीन वरिष्ठ नेताओं की टीम को चर्चा के लिए मुंबई भेजा। कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर शिवसेना और एनसीपी दोनों को राजी करने में जुटी है।

जयपुर से मुंबई रवाना कांग्रेस विधायक
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार गठन से पहले कुछ शर्तें रखी हैं और इन पर उद्धव के साथ चर्चा की जा रही है। इससे पहले कांग्रेस नेताओं ने लीलावती अस्पताल जाकर शिवसेना नेता संजय राउत का हालचाल जाना था। वहीं, उद्धव ठाकरे ने मंगलवार देर रात होटल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की थी। इस बीच खबर है कि कांग्रेस विधायक जयपुर से मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं। बता दें कि टूट से बचने के लिए कांग्रेस ने अपने विधायकों को 11 नवंबर को जयपुर के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया था।

राउत-पवार बोले, नहीं होंगे चुनाव
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने अस्पताल से बाहर निकलते हुए एक बार फिर साफ किया है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। राउत ने कहा, 'राजनीति चलती रहेगी, सीएम शिवसेना का ही होगा, तीनों पार्टियां साथ आएंगी।' सीने में दर्द की शिकायत के बाद संजय राउत को 11 नवंबर को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान 6 महीने के अंदर दोबारा चुनाव में जाने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि दोबारा चुनाव नहीं होगा। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी राज्य में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव नहीं होगा।

एनसीपी ने कहा- 5 सदस्यों की कमिटी करेगी चर्चा
एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पार्टी की बैठक के बाद कहा, 'जहां तक शिवसेना से चर्चा का सवाल है, हम गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा करने के बाद ही ऐसा करेंगे, क्योंकि हमारे पास एक कॉमन मेनिफेस्टो था। शिवसेना का मेनिफेस्टो अलग था। इसलिए हम पहले कांग्रेस के साथ रणनीति बनाएंगे और उसके बाद शिवसेना से चर्चा करेंगे।' पवार ने कहा कि नए साल से पहले महाराष्ट्र को नई सरकार मिलेगी। एनसीपी ने अपने नेताओं की एक कमिटी बनाई है जो कांग्रेस के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात करेगी। इस कमिटी में जयंत पाटील, अजित पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक शामिल हैं।

संजय राउत का ‘अग्निपथ’ ट्वीट
महाराष्ट्र के सियासी दंगल में लगातार ट्वीट करने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को तीन बार ‘अग्निपथ’ शब्द ट्वीट किया। राउत ने ट्वीट किया, ‘अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ…।’ ‘अग्निपथ’ प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कविता है। यह 1990 के दशक की हिंदी ब्लॉकबास्टर फिल्म का टाइटल भी है, जिसमें अमिताभ बच्चन ने काम किया था। फिल्म में दिखाया गया था कि नायक न्याय की खातिर कई मुश्किलों का सामना करता है। राज्यसभा सदस्य और शिवसेना प्रवक्ता राउत की सोमवार को एंजियोप्लास्टी हुई थी।

राष्ट्रपति शासन के बाद भी सरकार बनाने की कोशिश
महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद सियासी दलों ने अभी सरकार बनाने की आस नहीं छोड़ी है। बीजेपी, शिवसेना, नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस चारों प्रमुख पार्टियां संभावित विकल्पों पर विचार कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी भी अभी सरकार बनाने की रेस में बनी हुई है। इसके स्पष्ट संकेत पार्टी के सांसद और राज्य के दिग्गज नेता नारायण राणे ने दिए। दूसरी ओर शिवसेना और कांग्रेस के बीच भी बातचीत चल रही है। वहीं, एनसीपी ने कहा है कि जो भी फैसला होगा वह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार करेंगे।

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