महामुकाबला: बारिश न फेर दे अरमानों पर पानी

मैनचेस्टर
भारत-पाक के बीच क्रिकेट मुकाबला विश्व कप का हो या फिर कोई और मैच, यह कुछ इस तरह का होता है कि प्रशंसक मैच के नतीजे के हिसाब से नायक और विलेन बना लेते हैं जो ताउम्र बरकरार रहते हैं। अजय जडेजा का 1996 वर्ल्ड कप क्वॉर्टर फाइनल में वकार यूनिस की गेंदों को रौंदना हो या फिर सलीम मलिक का ईडन गार्डंस में 1987 में लक्ष्य का पीछा करते हुए 35 गेंद में 72 रन की पारी खेलकर 90 हजार से ज्यादा दर्शकों को हैरान करना कुछ ऐसे ही वाकये हैं। 
 
लोगों को अब भी ये मैच याद हैं जबकि वे भूल गए हैं कि दोनों मैच फिक्सर साबित हुए थे जिन्होंने खेल को बदनाम किया। चेतन शर्मा को वर्ल्ड कप हैटट्रिक या लॉर्ड्स टेस्ट में पांच विकेट झटकने के बजाय इसलिए याद रखा जाता है कि शारजाह में 1986 में उनकी अंतिम फुल टॉस गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का जड़ा था। 

कहीं बारिश न फेर दे अरमानों पर पानी 
एक रोमांचक मैच का मंच तैयार हो चुका है लेकिन हर क्रिकेट प्रेमी को एक डर सता रहा है। डर यह कि कहीं यह मैच भी बारिश में न धुल जाए। टूर्नामेंट में अभी तक बारिश के कारण चार मैच बिना गेंद डाले रद्द कर दिए गए हैं, जिसमें भारत और न्यूजीलैंड का मैच भी शामिल है। भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच से पहले शनिवार को यहां भारी बारिश हुई है। पिच पर कवर लगे हुए हैं। 

फैंस हैं कि मानते नहीं 
एक बार फिर संडे को यह दोनों टीमें आमने-सामने होंगी और एक बार फिर कोई यहां हीरो बनेगा तो कोई विलेन। भले ही खिलाड़ियों को लगे कि यह एक अन्य मैच की तरह होगा लेकिन शायद सभी दिल में जानते हैं कि यह एक विशेष मैच है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद बहस छिड़ गई थी कि भारत को पाकिस्तान के क्रिकेट में कोई मैच नहीं खेलना चाहिए। वर्ल्ड कप में भी नहीं। लेकिन वर्ल्ड कप के करीब आते-आते क्रिकेट के बहिष्कार जैसी बहस पर विराम लग गया। 

अब भारतीय फैंस यही चाहते हैं कि टीम इंडिया वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपने शत-प्रतिशत रेकॉर्ड को बरकरार रखे। भारत ने अभी तक वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ सभी छह मैचों में जीत हासिल की है जो एकतरफा रहे। इस मैच को लेकर सोशल मीडिया पर सीमा के दोनों ही तरफ से तरह-तरह के मीम्स और मैसेज चल रहे हैं। प्रशंसकों के लिए यह मैच कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे ब्लैक में भी ज्यादा दाम में टिकट खरीदने को तैयार हैं जबकि मौसम उनका जायजा बिगाड़ सकता है। 

फिर भी दावेदार है भारत
भारतीय टीम निश्चित रूप से एक बार फिर प्रबल दावेदार होगी। हालांकि उसके लिए सब कुछ इतना आसान नहीं होने वाला। शिखर धवन के चोटिल होने के बाद से टीम इंडिया को ओपनिंग और मिडल ऑर्डर में फेर बदल करना पड़ा है। केएल राहुल को ओपनिंग का मौका मिलेगा। मुश्किल यह है कि रोहित शर्मा और केएल राहुल ने कभी वनडे में एक साथ ओपनिंग नहीं की और इस दबाव भरे मैच में ही इनकी नई जोड़ी की परीक्षा होनी है। अगर न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछला मैच बारिश में धुला नहीं होता तो इस नई ओपनिंग जोड़ी को आपसी तालमेल बनाने का थोड़ा मौका मिल गया होता। मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज के कौशल के सामने लोकेश राहुल की तकनीक की परीक्षा होगी। रोहित शर्मा भी पारी की शुरुआत में बहुत कम फुटवर्क दिखाते हैं जिससे उन्हें थोड़ा ज्यादा सतर्क रहना होगा। 
टीम में होंगे बदलाव
ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान बल्लेबाजी के लिए अच्छा दिख रहा है, हालांकि परिस्थितियां सीम और स्विंग दोनों के माकूल होंगी। भारत के मध्यक्रम को भी मैच में अपनी भूमिका अदा करनी होगी। टीम प्रबंधन ने पिछले मैच में दिनेश कार्तिक को उनके अनुभव के कारण लिया था, लेकिन यह मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया। अब इस मैच में हालात स्विंग बोलर्स को सपोर्ट करने जैसे बने हुए हैं ऐसे में ऑलराउंडर विजय शंकर को मौका मिल सकता है। 

परिस्थितियों के अलावा पाकिस्तानी खिलाड़ियों की स्पिनरों के खिलाफ सहजता को देखते हुए विराट शायद युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव में से एक को बाहर बिठा सकते हैं और मोहम्मद शमी को अंतिम एकादश में चुन सकते हैं जो इन हालात में विपक्षी टीम के लिए मुश्किल साबित हो सकते हैं। 

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