महानवमी, दशहरा की बधाई देकर फंसे सीताराम येचुरी, ट्रोल

कोलकाता
धर्म को अफीम मानने वाली सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी महानवमी और दशहरा की बधाई देकर ट्रोल हो गए। सीताराम येचुरी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि महानवमी, दशहरा और विजय दशमी त्‍योहारों की सभी को बधाई। बुराई पर अच्‍छाई की जीत हो। वामपंथी नेता महानवमी और दशहरा की बधाई देते ही सोशल मीडिया में ट्रोल होना शुरू हो गए।

दिनेश सिंह ने लिखा, 'आज तो अष्‍टमी है। इतनी जल्दी ठीक नहीं है। सीख रहे हैं तो अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते थे। कोई बात नहीं कम से शुरुआत होने लगा है।' कंचन गुप्‍ता ने लिखा, 'कामरेड सीताराम येचुरी रविवार को दुर्गाष्‍टमी है न कि महानवमी। आपने सुभोबिजोया या विजयदशमी की बधाई दी। यह दुर्गा विसर्जन के बाद मनाया जाता है न कि तब जब मूर्तियां अभी घर पर हैं। दशहरा सीता को राक्षसों के कब्‍जे से मुक्‍त कराने के लिए राम और रावण के बीच युद्ध की समाप्ति के बाद मनाया जाता है।'

प्रदीप नायर ने लिखा, 'कामरेड मैं वास्‍तव में सदमे में हूं। लेनिन, स्‍टालिन और मार्क्‍स क्‍या कहेंगे? सबसे महत्‍वपूर्ण धर्मनिरपेक्ष क्‍या कहेंगे?' ' शुभम ने लिखा, 'मुझे लगता है कि आपका ट्विटर अकाउंट किसी ने हैक कर लिया है। जो सीताराम येचुरी को जानता को कृपया उन्‍हें बताए कि यह पोस्‍ट उनके ट्विटर हैंडल पर अप्रासंगिक है।'

बता दें कि सीताराम येचुरी ने कुछ महीने पहले बयान दिया था कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी हुई थीं, लेकिन एक प्रचारक के तौर आप सिर्फ महाकाव्य के तौर पर उसे बताते हैं, उसके बाद भी दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं हैं? येचुरी ने रामायण और महाभारत का हवाला देते हुए कहा था, 'फिर यह कहने के पीछे क्‍या तर्क है कि एक ऐसा धर्म है जो हिंसा में लिप्‍त है और हिंदू ऐसा नहीं करते हैं।' येचुरी के इस बयान की हिंदू संगठनों ने कड़ी निंदा की थी।

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