महागठबंधन में सीट शेयरिंग का पेच फंसा, कई सीटों पर सहयोगियों में विवाद

 पटना 
बिहार में कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच सीट बंटवारा अभी अधर में ही है और इस बीच महागठबंधन के छोटे दल भी अपने तेवर कड़े कर रहे हैं। इससे सीट शेयरिंग के फॉर्म्युले को लेकर दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। बिहार के महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) और लेफ्ट खेमा शामिल है। अब सभी की नजरें आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच हुई हालिया बातचीत के नतीजों पर टिकी हुई हैं। 
 
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी कथित तौर पर अपनी पार्टी के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अगुआई वाली आरएलएसपी के बराबर सीटों की मांग कर रहे हैं। लेफ्ट खेमा भी सीट शेयरिंग फॉर्म्युले को लेकर सौदेबाजी कर रहा है। सीपीआई कम से कम तीन सीटें मांग रही है, जबकि सीपीआई (एम) की नजरें उजियारपुर सीट पर है। इस सीट से फिलहाल बीजेपी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नित्यानंद स्वामी सांसद हैं। 
 
सीपीआई ने रख दी अपनी डिमांड 
सीपीआई के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने बताया, 'हमारे नेता डी राजा पिछले दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरआईएमएस) में मिलकर उन्हें सीपीआई की डिमांड बारे में बता चुके हैं।' बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी और खगड़िया जैसे जिलों में सीपीआई का अच्छा जनाधार है। सूत्रों ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में 23 सीटों पर कैंडिडेट उतारने वाली सीपीआई (एमएल) भी महागठबंधन में ज्यादा सीटें चाहती है। उसने छह सीटों- आरा, सिवान, जहानाबाद, कारेकाट, पाटलिपुत्र और वाल्मीकिनगर से लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सीपीआई (एमएल) के सचिव कुणाल का कहना है, 'हम आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और उनसे सीटों पर बातचीत चल रही है।' 

कीर्ति के कांग्रेस में आने से बढ़ा विवाद 
बीजेपी के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद दरभंगा सीट को लेकर भी महागठबंधन सहयोगियों के बीच विवाद बढ़ गया है। आजाद पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर दरभंगा सीट से जीते थे और इस बार भी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उसी सीट से लड़ना चाहते हैं। हालांकि, अब दिक्कत यह है कि वीआईपी नेता मुकेश साहनी भी दरभंगा सीट ही चाहते हैं। वीआईपी को आरजेडी महागठबंधन में लेकर आई थी। आरजेडी के एक सूत्र ने बताया, 'अगर कीर्ति आजाद कांग्रेस के टिकट पर दरभंगा से लड़ते हैं तो आरजेडी महागठबंधन में वीआईपी के लिए एक उपयुक्त सीट छोड़ देगा।' 
 
पप्पू यादव पर फैसला अभी तय नहीं 
मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव भी कथित तौर पर महागठबंधन का हिस्सा बनने वाले हैं। हालांकि, कांग्रेस ने अभी पप्पू यादव की एंट्री के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। आरजेडी के एक नेता ने बताया, 'हमारी पार्टी पप्पू को महागठबंधन में शामिल नहीं करना चाहती। इसलिए कांग्रेस के लिए यह फैसला लेना मुश्किल होगा।' पप्पू यादव ने 2014 लोकसभा चुनाव में शरद यादव को हराया था। शरद यादव जेडीयू से निकलने के बाद अपनी पार्टी- लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) बना चुके हैं और वह फिर से मधेपुरा से लड़ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि आरजेडी महागठबंधन के दूसरे दलों के बारे में कोई फैसला लेने से पहले कांग्रेस के साथ डील क्लोज कर लेना चाहती है। 
 

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