महज सिगरेट कंपनी की पहचान बदल ITC को घर-घर में पहुंचाने वाले शख्स थे वाईसी देवेश्वर

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिग्गज उद्योगपति वाईसी देवेश्वर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। ट्विटर पर जारी अपने शोक संदेश में पीएम ने कहा कि वाईसी देवेश्वर ने भारतीय उद्योग जगत को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मोदी ने आगे लिखा, 'उनके प्रयासों से पेशेवराना तरीके से संचालित भारतीय कंपनी आईटीसी दुनियाभर में पहुंच गई। उनके निधन से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार, मित्रों और आईटीसी ग्रुप के साथ है।'

ITC के चेयरमैन थे देवेश्वर
गौरतलब है कि वाईसी देवेश्वर ने आईटीसी के चेयरमैन रहते शनिवार सुबह निधन को आखिरी सांस ली। वह 72 वर्ष के थे। देवेश्वर सिगरेट बनाने वाली कंपनी आईटीसी को एफएमसीजी, हॉस्पिटलिटी, आईटी समेत विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनी बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 2017 में कंपनी के चेयरमैन एवं सीईओ का पद छोड़ा था। हालांकि, वह अभी भी गैर-कार्यकारी (नॉन-एग्जिक्युटिव) चेयरमैन बने हुए थे।

1968 में ITC से जुड़े
आईटीसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) संजीव पुरी ने कहा कि देवेश्वर ने पूरे उत्साह से टिकाऊ एवं समावेशी विकास को आगे बढ़ाया तथा व्यापक सामाजिक मूल्य के निर्माण में अग्रणी भूमिका की वकालत की। इसी दृष्टिकोण ने आईटीसी को कारोबार के उस तरीके पर अग्रसर किया जो आज 60 लाख से अधिक लोगों के जीवनयापन में सहायक बना हुआ है। देवेश्वर 1968 में आईटीसी से जुड़े थे और 11 अप्रैल, 1984 को निदेशक मंडल में शामिल हुए। वह 1 जनवरी, 1996 को कंपनी के सीईओ एवं चेयरमैन बने। वह देश की किसी भी कंपनी में सबसे लंबे समय तक कार्यकारी अधिकारी बने रहने वाले उद्योगपतियों में से एक थे।

ITC को दी आसमान की ऊंचाई
जब 1990 के दशक के मध्य में वह कंपनी का कार्यभार संभाल रहे थे तब आईटीसी का राजस्व 5,200 करोड़ रुपये से कम था तथा कर पूर्व मुनाफा 452 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी का राजस्व 44,329.77 करोड़ रुपये तथा शुद्ध मुनाफा 11,223.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पुरी ने कहा, 'उनके नेतृत्व ने आईटीसी को एफएमसीजी, होटल, पेपरबोर्ड एवं पेपर, पैकेजिंग, कृषि कारोबार आदि में अग्रणी भूमिका के साथ शानदार पोर्टफोलियो वाली विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी बना दिया।'

विभिन्न पदों पर दी सेवाएं
देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हार्वर्ड बिजनस स्कूल से पढ़ाई की थी। वह 1991 से 1994 के बीच एयर इंडिया के भी चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रहे। आईटीसी कंपनी में जब अगली पीढ़ी का नेतृत्व तैयार करने के लिए 2017 में एग्जिक्युटिव चेयरमैन पद को चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) में बांट दिया गया, तब देवेश्वर नॉन-एग्जिक्युटिव चेयरमैन बने रहे तथा संजीव पुरी की अगुवाई वाले कार्यकारी प्रबंधन के मार्गदर्शक की भूमिका निभाते रहे।

देवेश्वर को 2011 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वह रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक, नैशनल फाउंडेशन फॉर कॉर्पोरेट गवर्नेंस के सदस्य तथा नैशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकनॉमिक रिसर्च की संचालन समिति के भी सदस्य रहे थे।

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