ममता के PM वाले बयान से पलटे घोष, कहा-हंसी मजाक में बोला था

 
कोलकाता 

बीजेपी की बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने अपने उस बयान पर सफाई दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बंगाल से कोई प्रधानमंत्री हो सकता है तो वो तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं.

घोष ने रविवार को अपनी सफाई में कहा कि 'मुझे पता है कि उनका (ममता बनर्जी) सपना कभी पूरा नहीं होने वाला है लेकिन राजनीति में सबकुछ मुमकिन है. ममता बनर्जी का यह कोरा सपना है क्योंकि टीएमसी का बंगाल के बाहर कोई अस्तित्व नहीं है.' उन्होंने कहा, 'मेरे से एक सवाल पूछा गया था जिसके जवाब में मैंने कहा कि ममता बनर्जी अगर पीएम बनती हैं तो मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं लेकिन ऐसी कोई संभावना नहीं है. मेरी इस बात को हंसी-मजाक में लेना चाहिए.'

गौरतलब है कि अभी हाल में घोष ने कहा था कि 'अगर बंगाल से पीएम पद का उम्मीदवार चुना जाए तो ममता बनर्जी की अच्छी संभावनाएं हैं. वो देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देख रही हैं. हम चाहते हैं कि वो फिट रहें ताकि वे अच्छा काम कर सकें. लेकिन सच तो ये है कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर 2019 में प्रधानमंत्री बनेंगे.' घोष के इस बयान के बाद बंगाल से लेकर बीजेपी की राष्ट्रीय राजनीति तक में भी घमासान मच गया. बीजेपी नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया देने के बजाय चुप्पी साधना मुनासिब समझा लेकिन घोष ने रविवार को सफाई देकर पार्टी की और किरकिरी होने से बचा लिया.

 घोष के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद इदरिस अली ने कहा, 'अगर घोष ने दिल से ऐसा बयान दिया है तो उन्हें हार्दिक बधाई और अगर मजाक में कहा है तो उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि वे जो चाहते हैं उसके बारे में कोई कुछ नहीं सोचेगा.' अली ने कहा, 'आप (घोष) हमेशा वाहियात बातें करते हैं और मुझे नहीं पता कि आपके दिमाग में हमेशा क्या चलता रहता है लेकिन देश का आम आदमी यही चाहता है कि ऐसा शासक मिले जो सरकार चलाना जानता हो और जो हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई के बीच समान भाव रखता हो. ऐसा सिर्फ ममता बनर्जी में है.'

घोष के बयान पर बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा कि 'उन्होंने व्यंग्य में ऐसा बोला. बीजेपी के एक-एक कार्यकर्ता को पता है कि ममता बनर्जी को पीएम बनने का अवसर नहीं मिलेगा. मोदी और ममता के बीच कोई लड़ाई ही नहीं है. किसी ऐसी महिला के बारे में बयान दिया गया जो एक प्रदेश तक ठीक से नहीं संभाल पा रही, उनके पास प्रदेश से बाहर कोई भरोसेमंद नेता तक नहीं है और वो प्रधानमंत्री बनने के बारे में सोच रही हैं.'

गांगुली ने आगे कहा, 'ममता बनर्जी के पीएम बनने के कोई चांस नहीं हैं. आपको किसी व्यक्ति की विश्वसनीयता समझनी होती है. बनर्जी बंगाल के सबसे बड़े पद पर जरूर हैं लेकिन यहां की सबसे बड़ी नेता नहीं हैं.'

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