मप्र के कोषालय में रद्दी पड़े हैं चार हजार करोड़ के स्टाम्प

इंदौर
 ई रजिस्ट्री शुरू होने के बाद मैन्यूअल रजिस्ट्री को पूरी तरह बंद कर दिया गया। असर ये हुआ कि पूरे प्रदेश में करीब 4 हचार करोड़ रुपए के स्टाम्प रद्दी हो रहे हैं। ये आंकड़ा वाणिज्य कर मंत्री द्वारा निकालने जाने के बाद सामने आया है। अफसर का मानना है कि बैंक में संपत्ति बंधक रखे जाने में खपाया जाए तो वकीलों का तर्क है कि मैन्युअल रजिस्ट्री करके खत्म किए जाए।

चार दिन पहले प्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंह इंदौर दौरे पर आए थे। उस दौरान रजिस्ट्रार कार्यालय के अभिभाषक संघ अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सदस्यों ने मुलाकात की। चर्चा के दौरान जिला कोषालयों में पड़े करोड़ों रुपए के स्टाम्प की उन्होंने जानकारी दी। साथ में मैन्युअल रजिस्ट्री के रूप में उनका उपयोग करने की सलाह भी दी। वकीलों की बात समझने के बाद सिंह ने पूरे प्रदेश भर के कोषालय में कितने के स्टाम्प है ये पता लगाया तो खुलासा हुआ कि ४ हजार करोड़ के स्टाम्प है। ये स्टाम्प अगस्त 2015 से रखे हुए हैं। इंदौर में अकेले ९९० करोड़ रुपए के स्टाम्प है। इन्हें खपाने के लिए रजिस्ट्रार विभाग के अफसरों का मानना है कि जब संपत्ति को बैंक में बंधक रखा जाता है तो स्टाम्प काम में लिए जा सकते हैं। इस पर वकीलों का कहना है कि ऐसे में तो १०-२० साल लग जाएंगे। ये व्यवस्था ठीक नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *