मध्य प्रदेश: 25 को हो सकती है नए सीएम की ताजपोशी, ये नाम है सबसे आगे

 
भोपाल

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी उठापटक के बाद अब ये स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने जा रही है। कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सभी को इस बात का इंतजार है कि आखिर बीजेपी की ओर से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। जानकारी के मुताबिक, 23 मार्च को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा। वहीं ऐसी उम्मीद जताई जा रही कि 25 मार्च को यानी नवरात्र के आरंभ के दिन शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रखा जा सकता है।

25 मार्च को हो सकता शपथ ग्रहण
जानकारी के मुताबिक, भोपाल में शनिवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक तय थी, लेकिन कोरोनावायरस के चलते ये बैठक 23 मार्च तक टाल दी गई। अब सोमवार को विधायक दल की बैठक होगी जिसमें नेता का चुनाव होगा। बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भोपाल जा सकते हैं। 25 मार्च को नवरात्र शुरू होने के साथ ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
 
विधायक दल की बैठक में होगा सीएम के नाम पर फैसला
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश में सोमवार को होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक में ये साफ होगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा। अभी तक इस रेस में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे दिख रहा था। हालांकि, पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर के भी नाम पर विचार किया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि तोमर पार्टी आलाकमान के काफी करीबी माने जाते हैं। कहा ये भी जा रहा कि सीएम पद को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी राय बेहद अहम साबित हो सकती है।

शिवराज और नरेंद्र सिंह तोमर का नाम चर्चा में
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने राजभवन पहुंचे। ऐसा बताया गया कि नई सरकार के गठन के संबंध में ही ये मुलाकात हुई है। वहीं कांग्रेस के बागी 21 पूर्व विधायकों ने दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन विधायकों को अपने निवास पर पार्टी की सदस्यता दिलवाई। इस मौके पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, विनय सहस्त्रबुद्धे और धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।
 
ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय भी होगी अहम
इससे पहले ये सभी 21 पूर्व विधायक शनिवार शाम एक विशेष चार्टर्ड विमान से दिल्ली पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, ये पूर्व विधायक शनिवार देर शाम तक भोपाल पहुंच जाएंगे। माना जा रहा है कि सोमवार को ये पूर्व विधायक भाजपा की विधायक दल की बैठक में शिरकत करेंगे। इन्हीं 21 विधायकों के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। बाद में जरूरी संख्या बल नहीं जुटा पाने की वजह से शुक्रवार को कमलनाथ सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।

नवरात्रि के पहले दिन हो सकता है शपथ ग्रहण
दिल्ली पहुंचे इन पूर्व विधायकों में 18 सिंधिया समर्थक हैं। जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उनमें 16 विधायक ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से हैं। सिंधिया भी इसी क्षेत्र से आते हैं। सिंधिया का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव माना जाता है। मध्य प्रदेश में कुल 22 विधायकों के इस्तीफे और दो विधायकों के निधन से प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के लिए छह माह के अंदर उपचुनाव कराए जाएंगे। यानी अब इन 22 विधायकों का भविष्य उपचुनाव पर टिक गया है। संभवत: मई-जून में चुनाव आयोग उपचुनाव करा सकता है। उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि नई सरकार बहुमत में रहेगी या नहीं।

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