मध्य प्रदेश सरकार की अपनी होगी फसल बीमा कंपनी , मिलेगा हर किसान को फायदा

भोपाल
 मध्य प्रदेश सरकार  ने बीमा कंपनियों की फसल बीमा के नाम पर मुनाफाखोरी बंद करने का फैसला कर लिया है. सरकार ने तय किया है कि वह अब खुद की फसल बीमा कंपनी बनाएगी और इसके जरिए किसानों को फसल बीमा का लाभ दिया जाएगा. नई फसल बीमा योजना का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) इस सिलसिले में एक अहम बैठक करने जा रहे हैं. ड्राफ्ट पर मुहर लगने के बाद नई कंपनी अस्तित्व में आ जाएगी और फिर इसी के जरिए किसानों की फसल का बीमा कराया जाएगा.

दरअसल, अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसल का प्रीमियम निजी बीमा कंपनियों को दिया जाता है और प्राकृतिक आपदा के दौरान कंपनियां किसानों को मुआवजा बांटती हैं. यह देखने में आया है कि लगभग हर साल जिस अनुपात में प्रीमियम जमा कराया जाता है उसके मुकाबले फसल बीमा की राशि मुआवजे के तौर पर नहीं बांटी जाती है. ऐसे में प्रीमियम का फायदा सीधे तौर पर बीमा कंपनियों को होता है जबकि किसान खुद को ठगा हुआ महसूस करता है. यही वजह है कि सरकार ने खुद की बीमा कंपनी बनाने का फैसला किया है.

क्या है प्रीमियम का खेल ?
आपदा के वक्त किसानों को रक्षा कवच देने के लिए बीमा कंपनियों को हर साल प्रीमियम दिया जाता है. साल 2016 17 में 74 लाख से ज्यादा किसानों को बीमित किया गया जिसकी एवज में 3804 करोड़ रुपए प्रीमियम जमा हुआ, लेकिन क्लेम का दावा सिर्फ 2039 करोड़ हुआ. इसी तरह साल 2018-19 में 73 लाख से ज्यादा किसानों को बीमा कवर दिया गया, जिसकी एवज में 5588 करोड़ प्रीमियम जमा हुआ लेकिन क्लेम का दावा सिर्फ 812 करोड़ रुपए ही हुआ. साल 2019-20 में 35 लाख से ज्यादा किसान बीमित हुए और प्रीमियम की राशि 2345 करोड़ रुपए जमा की गई लेकिन क्लेम का दावा अभी भी बाकी है.

कृषि मंत्री का दावा हर किसान को मिलेगा फायदा

कृषि मंत्री कमल पटेल का दावा है कि सरकारी बीमा कंपनी बनने के बाद हर किसान को बीमा का लाभ दिया जाएगा और निजी कंपनियों को प्रीमियम का मुनाफा बंद होगा. हालांकि नई योजना के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर आना होगा और नई बीमा योजना का खाका तैयार करना होगा. कृषि मंत्री कमल पटेल की माने तो नई योजना को मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना नाम दिया जा सकता है.

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