मगरमच्छ की पीठ पर चढ़ दोस्त की बचाई जान, छोटी बच्ची ने किया साहस भरा काम

दुनिया में मां-बाप के अलावा अगर कोई रिश्ता सबसे ज्यादा खास होता है तो वह दोस्ती का रिश्ता होता है। सभी को अपने दोस्तों से बेहद लगाव होता है। दोस्त जिंदगी का जरूरी हिस्सा होते हैं और इनके बिना जिंदगी सूनी व नीरस हो जाती है।  आप भी अपने दोस्तों पर जान छिड़कते होंगे लेकिन अगर कभी दोस्त के लिए मौत से लड़ जाने को कहें तो आप भी पीछे हट जाएंगे और इस बारे में कई बार सोचेंगे। लेकिन आज हम आपको दोस्ती की एक ऐसी मिसाल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे।

दरअसल, यह मामला अफ्रीका के एक छोटे से देश जिंबाब्वे का है, जहां 11 साल की एक बच्ची अपनी दोस्त की जान बचाने के लिए मगरमच्छ से भिड़ गई। जिंबाब्वे के सिंडेरेला गांव में रेबेका मुनकोम्ब्वे अपने कुछ दोस्तों के साथ तैराकी कर रही थी। तभी उसकी एक दोस्त लटोया मुवानी पानी में डूबने लगी। रेबेका तुरंत अपनी दोस्त को बचाने के लिए आगे बढ़ी तो उसे लटोया के डूबने की वजह के बारे में पता चला।

बता दें कि लटोया को एक मगरमच्छ पानी में नीचे खींच रहा था। जैसे ही रेबेका को इस बात का पता चला उन्होंने पीछे हटने की बजाय उस मगरमच्छ से लड़कर अपनी दोस्त को बचाने का फैसला किया। जब रेबेका अपनी दोस्त को बचाने के लिए पानी में उतरी तो उसे एहसास हुआ कि एक बड़े मगरमच्छ ने उसकी दोस्त लटोया के हाथ और पैर को जकड़ रखा है। तभी रेबेका बुद्धिमानी और अदम्य साहस का नमूना पेश करते हुए मगरमच्छ की पीठ पर कूद गई और उंगलियों से मगरमच्छ की आंखों पर तब तक वार करती रही जब तक मगरमच्छ ने उसकी दोस्त को छोड़ नहीं दिया।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक 11 साल की रेबेका जिंबाब्वे के हवांगे शहर की रहने वाली हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान रेबेका ने बताया कि वे वहां मौजूद सभी सात बच्चों में सबसे बड़ी थीं इसीलिए 9 साल की लटोया की जान बचाने की जिम्मेदारी भी उसी की थी। इसी कारणवश वह लटोया को बचाने के लिए पानी में कूद गई। रेबेका ने देखा कि लटोया तैरने में मशक्कत कर रही थी और ऐसे चिल्ला रही थी जैसे उसे कोई काट रहा हो और पानी की गहराई में खींच रहा हो।

संतोषजनक बात यह है कि इस पूरी घटना में रेबेका को चोट नहीं आई लेकिन लटोया इस मामले में इतनी खुशकिस्मत नहीं निकलीं। मगरच्छ के हमले से लटोया घायल हो गई उसे सेंट पैट्रिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लटोया के पिता के अनुसार वे भगवान और रेबेका के शुक्रगुजार हैं जिनकी वजह से उनकी बेटी की जान बच गई। लटोया की हालत में अब पहले से सुधार है और जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

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