मंत्रियों के शपथग्रहण में संजय राउत के शामिल न होने से उठे सवाल

मुंबई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 12 शिवसेना मंत्रियों के मंत्रिमंडल में शामिल होने से पार्टी के विधायकों का एक धड़ा नाराज है जो फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाया। विक्रोली से विधायक सुनील राउत यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आदित्य ठाकरे के साथ बातचीत के 11वें घंटे में उन्हें लिस्ट से हटा दिया गया। उनका कहना है कि अब वह अपनी सीट से इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं। यही नहीं, जब शिवसेना के राज्यसभा सांसद और महा विकास अघाड़ी सरकार को संभव बनाने में लकीर खींचने वाले संजय राउत भी जब शपथग्रहण में शामिल नहीं हुए तो नाराजगी के कयास तेज होने लगे।

सुनील शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के भाई हैं। हालांकि सुनील ने यह स्पष्ट किया कि वह सच्चे और ईमानदार सैनिक हैं। इससे पहले उद्धव ने संजय राउत को मामले को न बढ़ाने के लिए कहा था। बाद में संजय ने खुद ही मामले को हल्का करते हुए कहा, 'लोगों को समझना चाहिए कि हमारे पास बहुत अधिक विकल्प नहीं हैं, क्योंकि इस सरकार में तीन दल शामिल हैं और तीनों में ही कुशल राजनीतिज्ञ हैं।'

संजय राउत के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह सरकारी इवेंट में शामिल नहीं होते हैं और उनकी नामौजूदगी को सुनील के मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से नहीं जोड़ना चाहिए। हालांकि संजय राउत 28 नवंबर को उद्धव और बाकी छह विधायकों के शपथ के समय शामिल थे। एक तरफ सूत्रों का कहना है कि सीएम उद्धव ने सोमवार शाम तक सारे मतभेदों को खत्म कर दिया था लेकिन दूसरी ओर अन्य सूत्रों का कहना है कि आदित्य के पूरी प्रक्रिया में शामिल होने से सेना में मतभेद शुरू हुए लेकिन कोई भी ऑन कैमरा यह बात कहने को तैयार नहीं है।

मुंबई से शिवसेना के विधायक सुनील प्रभु और रविंद्र वैकर भी शपथग्रहण में शामिल नहीं हुए, बताया जा रहा है कि ये दोनों भी नाराज चल रहे हैं। विदर्भ क्षेत्र के कई शिवसेना कार्यकर्ता भी मंत्रिमंडल में अपने क्षेत्र को नजरअंदाज किए जाने से नाराज हैं। सोमवार को दिन में इसी क्षेत्र से एक शिवसेना विधायक को पता चला कि वह मंत्री के रूप में शपथ नहीं ले रहे हैं तो वह तुरंत ठाकरे आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा।

उद्धव कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर गठबंधन दल के नेताओं की नाराजगी सामने लगी है। कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके ने सोमवार रात ऐलान किया कि वह महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि वह अब राजनीति के योग्य नहीं हैं। सोलंके चार बार से मजलगांव सीट से विधायक हैं। एनसीपी नेता मकरंद पाटील और राहुल चव्हाण भी ताजा कैबिनेट विस्तार का हिस्सा नहीं बनने के कारण नाराज हैं। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शामिल छोटे दलों के शपथग्रहण समारोह में निमंत्रण नहीं देने से राजू शेट्टी जैसे नेताओं ने खुलेआम नाराजगी व्यक्त की। इतना ही नहीं, मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के भी नाराज होने की खबर है।

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