भोपाल में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बना, ऐसे कर रहा है काम

भोपाल
कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है. लॉकडाउन के दौरान स्मार्ट सिटी भोपाल में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है. इस कमांड सेंटर से पूरे प्रदेश भर में नजर रखी जा रही है. प्रदेश भर में लोगों को क्या परेशानियां है, उसके समाधान के लिए इस कंट्रोल सेंटर में एक टीम तैनात की गई है. टीम 24 घंटे काम कर रही है. टीम से जुड़े सदस्य लोगों की परेशानियों का तुरंत समाधान करती है. भोपाल के साथ ही साथ पूरे प्रदेश भर में इस कंट्रोल रूम से लोगों तक मदद पहुंचाई जा रही है.

स्मार्ट सिटी के कमांड एवं कंट्रोल रूम में दो बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं, जिसमें एक स्क्रीन से पूरे प्रदेश भर पर नजर रखी जा रही है. पहली स्क्रीन पर सीएम हेल्पलाइन पर जो फोन कॉल आ रहे हैं. वह सीधे इस कमांड सेंटर में कनेक्ट किए जाते हैं. यानी किसी को परिवहन से संबंधित समस्या हो या राशन या फिर स्वास्थ्य संबंधी डॉक्टर ना मिलने की कोई परेशानी हो या कहीं कोई दूसरे राज्य में फंसे होने की समस्या हो.

अब तक सीएम हेल्पलाइन के तहत यहां पर 18000 से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी है, जिसमें 17,500 शिकायतों का तुरंत ही निराकरण कर लिया गया है. वहीं दूसरी स्क्रीन पर भोपाल में नजर रखी जा रही है यानी मरीजों की स्थिति क्या है और क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की स्थिति क्या है दूसरी स्क्रीन से उन तमाम लोगों की परेशानियां भी जानी जा रही हैं.

स्मार्ट सेंटर के का कमांड सेंटर में डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात है, जो लोग कमांड सेंटर में कॉल कर रहे है, अगर उनको सर्दी जुकाम खासी या कोई और परेशानी है तो डॉक्टर जानकारी लेकर सुझाव भी दे रहे है. किसी को बहुत तेज फीवर है तो स्मार्ट सिटी सेंटर से निर्देश के बाद फील्ड में तैनात डॉक्टर मरीजों के घर पहुंच रही है और उनके सैंपल इकट्ठा कर रही है.

कमांड सेंटर में लोगों की काउंसलिंग के लिए मनोवैज्ञानिक भी तैनात हैं. सिटी के कमांड सेंटर में ना सिर्फ डॉक्टर बल्कि साइकोलॉजिस्ट भी तैनात किए गए हैं. मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों का कहना है कि लोग व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर रहे हैं. मनोवैज्ञानिक का कहना है कि इस वक्त लोग बहुत ज्यादा डरे हुए हैं और इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी भ्रांतियां भी हैं. हालांकि इस दौरान जो भी कॉल करता है उनके डर के साथ ही साथ उनके सारे भ्रम को भी दूर करने की कोशिश की जा रही है ताकि लोग घरों में रहें और स्वस्थ रहें और अफवाहों से दूर रहे.

लॉकडाउन के दौरान लोगों का घरों से निकलना मना है. केवल इमरजेंसी वाहनों को ही बाहर आने-जाने की अनुमति है. ऐसे में कमांड सेंटर में टीवी स्क्रीन के जरिए हर चौराहे पर नजर रखी जा रही है. कमांड सेंटर में पुलिस कर्मी के साथ डीएसप रैंक के अधिकारी तक तैनात हैं. अगर कोई किसी चौराहे पर लॉकडाउन का उल्लंघन करता हुआ दिखता है तो तत्काल वायरलेस के जरिए संबंधित पुलिस थाने में सूचना दी जाती है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है.

स्मार्ट सिटी में जो कंट्रोल एवं कमांड सेंटर बनाया गया है, यहां पर फुल बॉडी सेनेटाइजर मशीन लगाई गई है. यानी जो भी कर्मचारी और अधिकारी इस कमांड सेंटर में प्रवेश करते हैं, उनकी बॉडी सबसे पहले सेनेटाइज की जाती है.

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