भोपाल में अनलॉक: मंत्रालय में कर्मचारी की मौत से अन्य कर्मचारियों में भय का वातावरण
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग के एक ओएसडी की मौत के बाद मंत्रालय में नगरीय प्रशासन विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य, खाद्य, वाणिज्य कर विभाग, राजभवन, विधानसभा, संभागायुक्त कार्यालय में कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद वहां काम कर रहे कर्मचारियों में भय का वातावरण है।
मंत्रालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने चेतावनी दी है कि कोरोना संक्रमण को लेकर अफसरों की लापरवाही का यही आलम रहा तो हमे मंत्रालय को बंद कराने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सबसे पहले सतपुड़ा भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग में अब तक 106, राजभवन में 12, खाद्य संचालनालय में अपर संचालक स्तर के एक अधिकारी, मंत्रालय के वाणिज्य कर विभाग में एक सहायक ग्रेड दो स्तर का कर्मचारी और विधानसभा में एक रिपोर्टर पॉजीटिव पाया गया है।
भोपाल में अनलॉक 1:0 के पहले हफ्ते में रोजाना 50 से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। आज फिर 56 नए मरीज मिले हैं। इनमें बंगरसिया स्थित सीआरपीएफ कैम्प में एक, भोंरी स्थित आईसर क्वारेंटाइन सेंटर से 9, बैरागढ के बाबा रामदास दरबार में 4 पॉजिटिव मिले हैं। भोपाल के अलावा देवास में 3, जबलपुर में 3 और धार-बडवानी में एक – एक नया संक्रमित मिला है। वहीं देवास और धार में दो- दो मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जबकि जबलपुर और बडवानी में एक-एक कोरोना संक्रमित की मौत हुई है।
मंत्रालय के नगरीय प्रशासन विभाग में उपसचिव उमेश कुमार के पास पदस्थ चतुर्थ श्रेणी की कोरोना से मौत के बाद विभाग के पीएस, जीएडी के एसीएस को ज्ञापन दिया गया। आज वहां मृतक कर्मचारी के संपर्क में रहे अमले की हिस्ट्री तैयार होगी और संदिग्ध कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा।
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि दस विभागोें में पचास की जगह सौ प्रतिशत कर्मचारियो को बुलाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन, रेड जोन में रहने वाले और विकलांगों को बुलाया जा रहा है। रोज सेनेटाईजेशन नहीं होता। तीन-चार दिन में व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो पूरे मंत्रालय को बंद कराने की कार्यवाही करेगा।