भोपाल आईटी रेड: इस तरह केंद्र ने सीआरपीएफ को लेकर एमपी की खुफिया एजेंसियों को दिया चकमा

भोपाल 
शनिवार को जब 150 सीआरपीएफ जवानों की कंपनी दिल्‍ली से भोपाल जा रही थी उस समय मध्‍य प्रदेश की खुफिया एजेंसियों को इस बात की भनक भी नहीं थी कि इनका इस्‍तेमाल मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के खिलाफ हाने वाली कार्रवाई में किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, जब राज्‍य की खुफिया विभाग की इकाई ने केंद्र से इस सिलसिले में जानकारी लेनी चाही तो उन्‍हें बताया गया कि सीआरपीएफ के ये जवान चुनाव और उससे जुड़े काम के लिए भेजे जा रहे हैं। केंद्र और राज्‍य के बीच इस खुफिया बातचीत की जानकारी देते हुए इस अफसर ने बताया, 'इस लिखित वार्तालाप में यह नहीं बताया गया था कि चुनाव से 'जुड़ा काम' आखिर है क्‍या।' इस तरह केंद्र ने मध्‍य प्रदेश, गोवा और दिल्‍ली के 23 स्‍थानों पर होने वाली इस रणनीतिक छापेमारी के बारे में राज्‍य की खुफिया एजेंसियों को भ्रम में डाले रखा। 

कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्‍कड़ के इंदौर और भोपाल के आवासीय और कार्यालय परिसरों पर छापा मारा गया। सूत्रों का कहना है कि इसमें करीब 9 करोड़ रुपये जब्‍त किए गए हैं। भोपाल में अंसल अपार्टमेंट के दो मकानों और प्‍लेटिनम प्‍लाजा में एक फ्लैट को भी खंगाला गया। ये प्रवीण कक्‍कड़ के करीबी अश्विन शर्मा के बताए जाते हैं। इनमें से एक जगह पर कथित तौर पर आईएएस और आईपीएस अफसरों के द्वारा किए गए निवेश से जुड़े कागजात भी मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने सुबह होने से पहले ही कमलनाथ के करीबियों पर छापे मारने शुरू कर दिए गए थे। इन पर कथित तौर पर टैक्‍स चोरी और हवाला के पैसे से जुड़े आरोप हैं। 

इनकम टैक्‍स विभाग ने सीआरपीएफ जवानों को सुरक्षा के लिए लगाया था। आमतौर पर ऐसे अभियानों में इनकम टैक्‍स विभाग स्‍थानीय पुलिस की मदद लेता है। बता दें कि आयकर विभाग ने बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश, गोवा और दिल्ली में करीब 50 जगहों पर छापेमारी की है जिसमें 300 अधिकारी जुटे हैं। इन्हीं में से एक ककक्ड़ भी हैं जिनके इंदौर और भोपाल स्थित घर और दफ्तर में भी छापा मारा गया है। इसके अलावा दिल्ली में कमलनाथ के एक करीबी के घर भी छापा मारा गया है। सरकारी और प्रशासनिक गलियारों में पैठ रखने वाले कक्कड़ का परिवार अतिथि सत्कार समेत विभिन्न क्षेत्रों के कारोबार से जुड़ा है। कक्कड़, राज्य पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी हैं। उन्हें गत दिसंबर में सूबे में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ का ओएसडी नियुक्त किया गया था। हालांकि, लोकसभा चुनावों की घोषणा होने से पहले ही कक्कड़ ने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और रतलाम के सांसद कांतिलाल भूरिया जब केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में मंत्री थे, तब कक्कड़ उनके भी ओएसडी रहे थे। 

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