भूपेश सरकार के खिलाफ चेतावनी जारी, नहीं लिया आदेश वापस तो होगा बड़ा आंदोलन

रायपुर
जनता को न्याय दिलाने के नारे के साथ प्रदेश सरकार लगातार कार्य कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री के और कांग्रेस सरकार के खिलाफ अब बगावत की तैयारियां भी जोरो शोरो से चलने लगी है। मुख्यमंत्री द्वारा अभियंताओं के सामूहिक निलंबन की कार्रवाई को लेकर अब बिजली कंपनी  के इंजीनियर्स लामबंद होकर इसके विरोध में उतर गए हैं। उन्होंने शासन से आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में उग्र आंदोलन चेतावनी करने कि चेतावनी दी है।

दरसल मुख्यमंत्री  ने सरगुजा में विकास प्राधिकरण की बैठक के दौरान बिजली सप्लाई में लापरवाही और लोगों की समस्या की अनदेखी की शिकायत पर 2 वरिष्ठ अधीक्षण अभियंता व 7 कार्यपालन अभियंताओं को निलंबित कर दिया। इसे लेकर छत्तीसगढ़ विद्युत अभियंता संघ ने विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री और पॉवर कंपनीज के चेयरमैन को पत्र लिखा है।

पत्र में बताया है कि सरगुजा क्षेत्र में विद्युत तंत्र घने वन क्षेत्र व विषम भौगोलिक क्षेत्र में स्थापित है। इन परिस्थितियों में आपदा से दुर्घटनाग्रस्त 33 केवी, 11 केवी व निम्नदाब लाइन में पोल/विद्युत तार के टूटने से उत्पन्न होती है। इसमें अभियंताओं की संलिप्तता को देखना विद्युत सेवा से जुड़ पूरे पॉवर कंपनियों के अभियंताओं पर अविश्वास व्यक्त करने की ओर इशारा कर रहा है। बिजली को लेकर छत्तीसगढ़  की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने, नीति व योजनाओं को धरातल पर लाने अभियंताओं ने पूर्व निष्ठा के साथ समर्पित सेवांए दी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री से अभियंताओं की सामूहिक निलंबन कार्रवाई को वापस लेने की अपील की है।

बिजली सेवा की गिर रही शाख, होगी कार्रवाई
बिजली कटौती व सेवा को लेकर जिस तरह से शाख लगातार गिर रही है। उसे लेकर शासन चिंचित है। इसके लिए कई बार प्रबंधन को चेतावनी भी दी है। बिजली सेवा जिस तरह से बिगड़ते जा रही है। शासन द्वारा कई अन्य बिजली अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

छग विद्युत अभियंता संघ के महासचिव संजय तेलंग का कहना है – बिजली कंपनी में कार्यरत निष्ठावान वरिष्ठ अभियंताओं पर मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह से निलंबन की कार्रवाई उचित नहीं है। मुख्यमंत्री और कंपनी के चेरयमैन को पत्र लिखकर निलंबन की कार्रवाई को तुरंत वापस लेने का अनुरोध किया है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में बिजली कंपनी  के हजारों अभियंता उग्र आंदोलन करने के लिए विवष होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।

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