भारोत्तोलक संजीता चानू पर लगे डोपिंग आरोप खारिज

नई दिल्ली

अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (IWF) ने भारतीय भारोत्तोलक के संजीता चानू के खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोपों को उनके नमूनों में एकरूपता नहीं पाए जाने के कारण खारिज कर दिया. अब राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता इस खिलाड़ी ने माफी मांगने और मुआवजा देने की मांग की. आईडब्ल्यूएफ ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया.

26 साल की यह भारोत्तोलक शुरू से ही खुद को निर्दोष बता रही थीं. उन्हें आईडब्ल्यूएफ के कानूनी सलाहकार लिला सागी के हस्ताक्षर वाले ईमेल के जरिए अंतिम फैसले से अवगत करा दिया गया है. ईमेल में कहा गया है, ‘वाडा ने सिफारिश की है कि नमूने के आधार पर खिलाड़ी के खिलाफ मामला समाप्त किया जाना चाहिए.’

इसमें कहा गया है कि आईडब्ल्यूएफ ने वाडा को 28 मई को बताया था कि चानू के नमूनों के विश्लेषण के समय उनमें एकरूपता नहीं पायी गई. आईडब्ल्यूएफ के अनुसार, ‘इसके बाद आईडब्ल्यूएफ ने खिलाड़ी के खिलाफ आरोप खारिज करने और यह मामला खत्म करने का फैसला किया.’

चानू मणिपुर में हैं. उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि आखिर में मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. लेकिन इस बीच मैंने जो मौके गंवाए उनका क्या होगा. मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.’

उन्होंने कहा, ‘हर स्तर पर की गईं गलतियों की जिम्मेदारी कौन लेगा. आप एक खिलाड़ी को अंतिम फैसला आए बिना वर्षों तक निलंबित कर देते हो और एक दिन आप मेल भेजकर कहते हो कि आपको आरोपों से मुक्त किया जाता है.’चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ ने अपने कड़े रवैये से उनसे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने का मौका छीन दिया और उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाने के लिए उसे माफी मांगनी चाहिए और मुआवजा देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘क्या यह किसी तरह का मजाक है. क्या आईडब्ल्यूएफ खिलाड़ी के करियर की परवाह नहीं करता. क्या मेरे ओलंपिक के अवसरों को खत्म करना आईडब्ल्यूएफ का इरादा था. हर खिलाड़ी का सपना ओलंपिक खेलों में पदक जीतना होता है. वह कम से कम उनमें भाग तो लेना ही चाहता है. मेरा यह मौका आईडब्ल्यूएफ ने मुझसे छीन दिया.’

चानू ने कहा, ‘आईडब्ल्यूएफ को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए. आईडब्ल्यूएफ को माफी मांगनी होगी और उसे स्पष्टीकरण देना चाहिए. इसके लिए जिम्मेदार निकाय या संगठन या व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए. मैं आईडब्ल्यूएफ से मुआवजे की मांग के लिए अपील करूंगी.’

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