भारत में कैसे चल रही कोरोना की महाखोज , 6 वैक्सीन दौड़ में

 नई दिल्ली
6 वैक्सीन दौड़ में, भारत में कैसे चल रही कोरोना की महाखोज, 10 पॉइंट्स में समझिएपूरी दुनिया को ठप करने वाले कोरोना वायरस (Coronavirus) को रोकने के लिए वैक्‍सीन सबसे मारक हथियार है। इसीलिए तमाम रिसर्चर्स और साइंटिस्‍ट्स लगे हुए हैं इस महामारी की काट खोजने में। भारत में वैक्‍सीन बनाने के लिए खास तैयारियां की गई हैं। वैक्‍सीन बन जाए, उसके बाद तेजी से उसके प्रॉडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन को शुरू करने के लिए भी प्‍लान तैयार है। इसके अलावा कुछ दवाओं पर भी रिसर्च हो रहा है जिनसे कोविड-19 से इलाज में मदद मिलने की उम्‍मीद है। आइए जानते हैं कि सरकार के मुताबिक, कोरोना वैक्‍सीन के लिए भारत कैसे महाखोज कर रहा है।
भारत में कौन सी वैक्‍सीन जगा रही उम्‍मीद?
 प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन के मुताबिक, भारत में कम से कम 6 वैक्‍सीन कैंडिडेट्स ऐसे हैं जिनमें प्रॉमिस दिखा है। देश में 30 ग्रुप्‍स हैं जो कोविड-19 की वैक्‍सीन खोज रहे हैं।

किस तरह की वैक्‍सीन पर चल रहा काम?
 के. विजयराघवन ने कहा कि चार तरह की वैक्‍सीन पर फिलहाल रिसर्च हो रही है। इनमें mRNA वैक्‍सीन, अटेनुएटेड वैक्‍सीन, एनऐक्टिवेटेड वैक्‍सीन और एडजुवेंट वैक्‍सीन शामिल हैं।

अभी किस स्‍टेज पर है वैक्‍सीन डेवलपमेंट?
 भारत में जिन वैक्‍सीन पर काम चल रहा है, उनमें से कुछ प्री-क्लिनिकल स्‍टेज में हैं। प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर ने कहा कि वैक्‍सीन बनने में टाइम लगेगा। उन्‍होंने कहा कि फिजिकल डिस्‍टेंसिंग और हैंड हाइजीन का कोई विकल्‍प नहीं है।

वैक्‍सीन बनाने पर कितना खर्च आएगा?
 प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के मुताबिक, वैक्‍सीन बनाने, बड़े पैमाने पर उसका प्रॉडक्‍शन करने और फिर उसके डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में 2 से 3 बिलियन डॉलर (1515 करोड़ रुपये-2272 करोड़ रुपये) का खर्च आएगा।

कब तक तैयार हो जाएगी कोरोना वैक्‍सीन?
 के. विजयराघवन ने कहा कि वैक्‍सीन डेवलपमेंट में करीब 10 साल लगते हैं लेकिन दुनियाभर की कोशिश सालभर के भीतर वैक्‍सीन बनाने की है। इसीलिए इनवेस्‍टमेंट्स बढ़ा दी गई हैं और रिसर्च का दायरा भी।

बनने के लिए किसे सबसे पहले मिलेगी वैक्‍सीन?
 भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सबको वैक्‍सीन एक साथ नहीं मिलेगी। गुरुवार को के. विजयराघवन ने कहा, "वैक्‍सीन कोई स्विच नहीं है जो पहले दिन से सबको मिल जाए। इस बीमारी में सबको इसकी जरूरत पड़ेगी। वैक्‍सीन का ऐक्‍सेस एक बड़ी चुनौती है।"

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