भारत-चीन में विदेश मंत्रालय स्तर पर पहली वार्ता

नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच 5 मई के बाद से ही तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। तनाव कम करने के लिए लगातार सैन्य बैठके हो रही हैं लेकिन फिलहाल अभी तक कोई ठोस सुधार होता नहीं दिखा। अब पहली बार दोनों देशों के बीच कूटनीतिक चर्चा हुई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत और चीन ने आज पूरे मुद्दे पर बातचीत कर तनाव कम करने के विकल्पों ध्यान दिया।

पहली बार हुई कूटनीतिक बैठक
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के पूर्व एशिया के जॉइंट सेकेट्री नवीन श्रीवास्तव और चीन विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वू जियांगहो ने हिस्सा लिया। जून में पहली बार दोनों देशों के बीच कूटनीतिक चर्चा हुई है। इससे पहले सैन्य कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी थी। कमांडर स्तर की बैठक लगभग 11 घंटे तक चली थी। इसी बीच दोनों देश सीमा पर अपनी-अपनी ताकत भी बढ़ाते जा रहे हैं।

भारत को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले भारत और चीन के बीच सेनाओं को पीछे करने पर सहमति बनने के एक दिन बाद चीन के रक्षा मंत्रालय ने वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर संघर्ष के लिए भारत को पूरी तरह से जिम्‍मेदार ठहराया है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता वू किआन ने कहा क‍ि हम आशा करते हैं कि सीमाई इलाकों शांति और स्थिरता बनी रहेगी। उन्‍होंने कहा कि भारत ने एकतरफा कार्रवाई की जिसकी वजह से हिंसा हुई।

'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता किआन ने कहा, 'भारत-चीन सीमा पर हुए संघर्षों की पूरी जिम्‍मेदारी भारतीय पक्ष की है। हम आशा करते हैं कि सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता बनी रहेगी। गलवान घाटी में हिंसा की घटना भारतीय पक्ष के एकतरफा उकसावे की कार्रवाई और दोनों पक्षों के बीच हुई आपसी सहमति के उल्‍लंघन की वजह से हुई है।'

'चोरी ऊपर से सीनाजोरी'
किआन ने कहा, 'चीनी सेना कोरोना वायरस के कम होने के साथ ही युद्ध की तैयारी के लिए जमीनी स्‍तर पर प्रशिक्षण को बढ़ा रही है। पीएलए के तिब्‍बत मिलिट्री कमांड ने हाल ही में पठारी इलाकों में लाइव फायर ड्रिल किया था। इसके जरिए सैनिकों की संयुक्‍त युद्ध क्षमता को परखा गया। यह ड्रिल नियमित रूप से हो रही है और किसी अन्‍य देश के खिलाफ नहीं है।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *