भारत के लड़ाकू विमान तेजस पर मलयेशिया फिदा, डील में पड़ोसी का पेच

नई दिल्ली 
भारत में विकसित तेजस लड़ाकू विमान की खासियत ने मलयेशिया को काफी आकर्षित किया है। वहां की रॉयल मलयेशियन एयर फोर्स के अधिकारियों को तेजस उनकी उम्मीद से भी बढ़कर लगा और इसकी खुशी उनके चेहरों पर दिखाई दी। भारत ने भी मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद और उनके अधिकारियों को यह स्पष्ट किया कि हम उन्हें प्रॉडक्ट नहीं बेच रहे बल्कि ताकत बढ़ा रहे हैं। हालांकि भारत की मलयेशिया से तेजस को लेकर चल रही चर्चा में एक पेच भी है। 

मलयेशिया के PM को पसंद आया तेजस 
तेजस Mk1 के डेमो पायलट ग्रुप कैप्टन समर्थ धनखड़ ने मलयेशिया के प्रधानमंत्री को फाइटर जेट की खासियत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि भारत का यह दमदार लड़ाकू विमान दुनिया के दूसरे लड़ाकू विमानों से अलग कैसे है। पीएम महातिर जेट की कॉकपिट और उसके जबर्दस्त लेआउट से काफी प्रभावित दिखे। यह चर्चा 10 मिनट तक चली। धनखड़ ने पीएम के सामने अपनी निजी राय भी रखी। उन्होंने बताया कि वह एक डिफेंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पहले भी मलयेशिया आए थे। 

पाकिस्तान ने फंसाया पेच? 
हालांकि निजी बातों, सांस्कृतिक समृद्धि, ऐतिहासिक संबंधों और दोनों देशों के बीच बढ़े सैन्य अभ्यासों के बावजूद भारतीय अधिकारी मलयेशिया को पूरी तरह से सहमत नहीं कर सके। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर विशेषज्ञों ने बताया कि इसकी वजह भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है। दरअसल, मलयेशिया का झुकाव पाक की तरफ है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या स्वदेश में तैयार भारत के जेट का मुकाबला पाकिस्तान के जेएफ-17 और कोरिया के FA-50 गोल्डन ईगल से हो रहा है जबकि तेजस को मार्च के आखिरी हफ्ते में लैंगकावी में हुए LIMA शो में उसकी फुर्ती और अन्य खूबियों के लिए काफी सराहा गया था। 

मलयेशिया की जरूरतों पर खरा उतरता है तेजस 
धनखड़ ने मलयेशियाई अधिकारियों को बताया कि फाइटर जेट की टेक्नॉलजी काफी सुपीरियर है और इसे मलयेशिया की जरूरतों के हिसाब से ढाला भी जा सकता है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए धनखड़ ने कहा, 'RMAF (रॉयल मलयेशियन एयर फोर्स के अधिकारी काफी खुश दिखे क्योंकि यह एयरक्राफ्ट उनकी उम्मीदों से बढ़कर है। साफतौर से हम कोई प्रॉडक्ट नहीं बल्कि क्षमता में इजाफा कर रहे हैं।' 

रूस और पश्चिम के हथियारों के लिए अनुकूल 
धनखड़ ने तेजस की खूबियां गिनाते हुए कहा, 'जेट की फ्लाइ-बाय-वायर क्षमता, एयर-टु-एयर रीफ्यूलिंग, एवियॉनिक्स को शानदार तरीके से इंटिग्रेट किया गया है। इसका खुला आर्किटेक्चर कंप्यूटर सिस्टम्स कुछ ऐसा है कि रूस और पश्चिमी देशों दोनों के हथियारों से लैस किया जा सकता है। यही वजह है कि तेजस एक अलग पीढ़ी का लड़ाकू विमान है।' मलयेशिया स्थित भारतीय उच्चायोग में डिफेंस अटैची अनिरुद्ध चौहान ने कहा, 'भारत और मलयेशिया दोनों की एकसमान सैन्य रणनीति है और वे रूसी और NATO के हथियारों का इस्तेमाल करते हैं और तेजस दोनों के लिए अनुकूल है।' गौरतलब है कि मलयेशिया ने दो चरणों में खरीद की योजना बनाई है। RMAF फाइटर ट्रेनर से लेकर मीडियम रेंज के लड़ाकू विमानों (MRCA) से लैस होना चाहता है। भारत प्रस्ताव के लिए अनुरोध (RFP) के बाद सूचना के लिए अनुरोध (RFI) तक पहुंचा है, जो तभी आगे बढ़ेगा जब पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया भी RFI क्लियर कर लेते हैं। 

पाक के समर्थन में नैरेटिव तैयार करने की कोशिश 
गौर करने वाली बात यह है कि HAL ने यह विचार कर कि मलयेशिया की रुचि तेजस में है, उसे RFI स्टेज में आवश्यक जानकारी से कहीं ज्यादा सूचना मुहैया कराई है। वहीं, पाकिस्तान का जेएफ-17 लड़ाकू विमान चीन की डिजाइन और टेक्नॉलजी पर तैयार किया गया है और इसे LIMA में प्रदर्शित नहीं किया गया। इस बीच, पाकिस्तान समर्थक मीडिया ने तेजस के शानदार प्रदर्शन के बाद यह नैरेटिव तैयार करने की कोशिश की कि मलयेशिया मूल्यांकन के लिए 2 JF-17 खरीदेगा। 

भारत सीधे सरकार से तो पाक लॉबिंग के सहारे 
वहीं, रक्षा मामलों पर लिखने वाले स्वतंत्र लेखक डॉ. जिरहान महादिर इस दावे को खारिज करते हुए कहते हैं, 'केवल मूल्यांकन के लिए कोई लड़ाकू विमान खरीदा नहीं जाता है।' भारत और पाकिस्तान की तरफ से बोली लगाए जाने पर महादिर ने कहा कि भारत जहां सरकार से सरकार के बीच डील कर रहा है वहीं पाकिस्तान के JF-17 के लिए जबर्दस्त लॉबिंग की जा रही है। सेंटर फॉर मेरीटाइम सिक्यॉरिटी ऐंड डिप्लॉमसी के सेंटर हेड और सीनियर फैलो कैप्टन (रिटायर्ड) मार्टिन ए. सबैस्टियन ने कहा कि तेजस के साथ फायदा यह है कि इससे न सिर्फ भारत की तकनीक का ट्रांसफर होगा बल्कि ट्रांसफॉर्म भी हो सकेगा। इससे रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में मलयेशिया की अपनी क्षमता भी बढ़ेगी। 

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