भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर मिसाइल हमलों की धमकियां दी थीं: रिपोर्ट

नई दिल्ली 
पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले, फिर जवाब में बालाकोट में जैश के सबसे बड़े आतंकी अड्डे को इंडियन एयरफोर्स द्वारा तबाह किए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान एक वक्त युद्ध के कगार पर खड़े थे। दोनों देशों ने एक दूसरे पर मिसाइलें दागने की धमकियां दी थीं, लेकिन अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद बड़े संघर्ष का खतरा टला। यह सनसनीखेज दावा न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से किया है। 

रॉयटर्स ने 5 सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन समेत US के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच और बड़े संघर्ष को टाला जा सका। 

रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी डिप्लोमैट्स और नई दिल्ली, इस्लामाबाद व वॉशिंगटन स्थित सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक वक्त तो भारत ने पाकिस्तान पर कम से कम 6 मिसाइलें दागने की धमकी दी थी। जवाब में इस्लामाबाद ने भी '3 गुनी ज्यादा' मिसाइलें दागने की धमकी दी थी। 

न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि बालाकोट में आतंकी अड्डे पर इंडियन एयरफोर्स की कार्रवाई के अगले दिन 27 फरवरी को जब पाकिस्तान और भारत के लड़ाकू विमानों के बीच डॉगफाइट हुई, तब तनाव बहुत ज्यादा भड़क गया। इस दौरान भारतीय वायुसेना के एक पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में चले गए। 

रिपोर्ट के मुताबिक, उस शाम (27 फरवरी) भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ आसिम मुनीर को फोन किया। डोभाल ने दो टूक कहा कि अभिनंदन के पाकिस्तान के कब्जे में होने के बाद भी भारत अपने नए आतंकवाद रोधी अभियान से पीछे नहीं हटेगा। 

डोभाल ने मुनीर से कहा कि भारत की लड़ाई उन आतंकी संगठनों से है जो पाकिस्तानी जमीन पर खुलेआम चल रहे हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री के साथ-साथ इस्लामाबाद में एक पश्चिमी राजनयिक ने भी इस बात की पुष्टि की कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर चिह्नित किए गए लक्ष्यों पर 6 मिसाइल हमले की धमकी दी थी। उन्होंने (सूत्रों ने) यह स्पष्ट तौर पर नहीं बताया कि किसने धमकी दी और किसने फोन रिीव किया लेकिन पाकिस्तानी मंत्री ने बताया कि उस वक्त दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां एक दूसरे के संपर्क में थीं और अब भी संपर्क में हैं। 

पाकिस्तानी मंत्री ने रॉयटर्स को बताया कि इस्लामाबाद भारतीय मिसाइल हमलों का जवाब कई गुना ज्यादा हमलों से देगा। मंत्री ने कहा, 'हमने कहा कि अगर आप एक मिसाइल दागेंगे तो हम 3 दागेंगे। भारत जो कुछ भी करेगा, हम उसका तीन गुना जवाब देंगे।' 

रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉयटर्स ने डोभाल के दफ्तर से इस पर टिप्पणी की गुजारिश की थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वहीं रॉयटर्स द्वारा मांगी गई प्रतिक्रिया के जवाब में पाकिस्तान के एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत इस बात से अनजान था कि पाकिस्तान को किसी तरह की मिसाइल हमले की धमकी दी गई है। पाकिस्तानी सेना ने भी इस पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी से इनकार किया है, जबकि मुनीर से रॉयटर्स का संपर्क नहीं हो पाया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से भी रॉयटर्स ने इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी थी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। 
 
जिस समय भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, उस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप हनोई में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर समझौते की कोशिश कर रहे थे। 

27 फरवरी की रात को अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार बोल्टन और डोभाल के बीच बातचीत हुई। इसके अलावा 28 फरवरी को सुबह-सुबह भी दोनों की बात हई। हालात और ज्यादा न बिगड़े इसके लिए नई दिल्ली स्थिति पश्चिमी राजनयिक सक्रिय हो गए। बाद में, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, जो खुद भी हनोई में थे, ने दोनों पक्षों से बातचीत कर हालात को संभालने की कोशिश की। 

5 मार्च को वॉशिंगटन में अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पल्लाडिनो ने एक ब्रीफिंग में कहा भी था, 'विदेश मंत्री पॉम्पियो ने राजनयिक बातचीत का सीधे नेतृत्व किया और इसने दोनों पक्षों में बढ़ रहे तनाव को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।' अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी से जब यह पूछा गया कि क्या वह मिसाइलों के इस्तेमाल की धमकी के बारे में जानते थे, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार किया। पल्लाडिनो ने बताया कि पॉम्पियो ने डोभाल और भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों- सुषमा स्वराज और शाह महमूद कुरैशी से बातचीत की। 
 

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