भारतीय डेविस कप टीम के पाकिस्तान दौरे का भरोसा : एआईटीए महासचिव

कोलकाता
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के महासचिव हिरोण्मय चटर्जी को भरोसा है कि राष्ट्रीय टीम अपने डेविस कप मुकाबले के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेगी क्योंकि इसे गंवाने की स्थिति में विश्व संचालन संस्था आईटीएफ से दो साल का निलंबन झेलना पड़ सकता है। क्वॉलिफायर में इटली से मिली हार के बाद क्षेत्रीय ग्रुप में रेलीगेट होने के बाद भारत को एशिया ओसनिया क्षेत्र ग्रुप ए के मुकाबले में पड़ोसी देश से उसकी सरजमीं पर भिड़ना है। भारतीय क्रिकेट टीम को 26/11 मुंबई आंतकी हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने किसी भी द्विपक्षीय मुकाबले के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी लेकिन चटर्जी ने कहा कि टेनिस में यह कोई समस्या नहीं होगी। चटर्जी ने कहा, ‘हमें अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक परिषद (आईओसी) से मान्यता प्राप्त है। टेनिस ओलिंपिक खेल है। ओलिंपिक एकजुटता कार्यक्रम के अनुसार कोई भी संस्था जो आईओसी के अंतर्गत आती है, उसे सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेना होगा। यह टेनिस का विश्व कप है।’ 

चटर्जी ने कहा, ‘क्रिकेट का परिचालन स्वायत्त संस्था (बीसीसीआई) करती है और यह ओलिंपिक खेल नहीं है। इसका इससे कोई लेना देना नहीं है। अगर हम नहीं जाएंगे तो हमें अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) दो साल के लिए प्रतिबंधित कर देगा।’ उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने हाल में भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में और गुवाहाटी व शिलांग में 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में भाग लिया था। उन्होंने कहा, ‘अगर वे यहां आ सकते हैं तो हम क्यों नहीं जा सकते? हमारे विदेश मंत्रालय ने ही उन्हें यहां आकर हॉकी वर्ल्ड कप में और साउथ एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी थी।’ चटर्जी ने कहा, ‘इसी तरह से जब हम आवेदन करेंगे तो वे हमारी टीम को भी अनुमति दे देंगे। अभी काफी समय बचा है। हमें सितंबर में यह मुकाबला खेलना है। हम 25 जून तक स्थल पर फैसला होने के बाद ही वीजा बनवाएंगे और टिकटों का इंतजाम करेंगे।’ पाकिस्तान ने मार्च 1964 के बाद से अपने पड़ोसी मुल्क की डेविस कप मैच में मेजबानी नहीं की है। भारत ने लाहौर में हुए इस मुकाबले में 4-0 से जीत हासिल की थी। भारत ने 2006 में मुंबई में पाकिस्तान की मेजबानी की थी। महेश भूपति, लिएंडर पेस, प्रकाश अमृतराज और रोहन बोपन्ना इसमें भाग लेने वाली टीम का हिस्सा थे जिसमें भारत ने 3-2 से जीत हासिल की थी।
 

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