बौखलाए पाकिस्तान ने अब किया चीन का रुख, विदेश मंत्री हुए पेइचिंग रवाना

 
इस्लामाबाद 

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और सूबे के पुनर्गठन के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान अब दुनिया भर में भारत के खिलाफ समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका की ओर से इस मामले में कोई मदद न मिलती देख पाकिस्तान ने अब चीन का रुख किया है और उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पेइचिंग रवाना हो गए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुरैशी ने चीन जाने से पहले मीडिया से कहा कि भारत अपने असंवैधानिक कदमों से क्षेत्रीय शांति को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान इस मामले में चीनी नेतृत्व को अपने विश्वास में लेगा। चीन, पाकिस्तान को अपना करीबी मित्र मानता है। 

कुरैशी ने कहा, 'चीन ना केवल पाकिस्तान का मित्र है, बल्कि क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश भी है। मैं कश्मीर में भारत सरकार द्वारा उठाए असंवैधानिक कदमों से चीनी नेताओं को अवगत कराऊंगा। मैं उन्हें मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के बारे भी जानकारी दूंगा।' चीन की यात्रा कश्मीर पर भारत के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने की पाकिस्तान की कवायद का हिस्सा है। चीन ने भी लद्दाख को प्रभावित करने वाले बदलावों का विरोध किया है। पाकिस्तान और चीन कूटनीतिक साझेदार हैं और विभिन्न मुद्दों पर करीबी सहयोग करते हैं। इस यात्रा के दौरान कुरैशी चीन के विदेश मंत्री वांग यी एवं अन्य कई नेताओं से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहैल महमूद भी कुरैशी के साथ चीन की यात्रा पर गए हैं।
 

इस पर बौखलाए पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत के इस फैसले के खिलाफ है और इसके विरोध में हर संभावित विकल्प पर काम करेगा। इसी के तहत पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को डाउनग्रेड करने का फैसला लिया और द्विपक्षीय कारोबार को भी सस्पेंड कर दिया। 
 
पाकिस्तान की इस बौखलाहट के जवाब में भारत ने कहा है कि उसे द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंधों को बरकरार रखना चाहिए। इसके साथ ही भारत ने पाक के विरोध को दरकिनार करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर पर कोई भी फैसला उसका आंतरिक मामला है। यही नहीं चीन ने भी भारत के इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि इससे मुश्किल से पटरी पर आए संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। 
 

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