बेटी न पैदा होने पर उत्पीड़न, महिला ने दी जान

 अहमदाबाद
बेटा पैदा न होने पर महिलाओं की उत्पीड़न की तो आपने तमाम घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन यह मामला कुछ अलग है। गांधीनगर के अदालज इलाके में बेटी न पैदा होने पर उत्पीड़न के चलते महिला के जान देने का मामला सामने आया है। पुलिस ने महिला के ससुराल वालों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। यही नहीं परिवार के लोग अब भी महिला के उत्पीड़न को यह कहते हुए जायज ठहरा रहे हैं कि तीन पीढ़ी से फैमिली में कोई बेटी पैदा नहीं हुई थी। इसके अलावा विवाहिता के उत्पीड़न की एक वजह पैसों की मांग भी थी।

27 वर्षीय निकिता मोढ से उसके सुसराल वाले 5 लाख रुपये मांग रहे थे ताकि वह अपने छोटे बेटे को कनाडा भेज सकें। पिता के घर से पैसे न लाने पर उसका उत्पीड़न और बढ़ गया था। निकिता के पिता अश्विन मोढ की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक उत्पीड़न से तंग आकर उनकी बेटी ने बीते शुक्रवार को नर्मदा नहर में कूदकर जान दे दी। 5 लाख रुपये की रकम न ला पाने पर ससुराल के लोगों ने उसकी पिटाई भी की थी।

निकिता के परिजनों की 4 अक्टूबर को उससे आखिरी बार बात हुई थी। वह जब लगातार कॉल कर रहे थे तो निकिता की सास ने फोन नहीं रिसीव किया। एफआईआर के मुताबिक अंत में निकिता के ससुर ने फोन उठाया तो कहा कि यदि वह वापस लौट भी आती है तो वे उसे अपने परिवार में अब नहीं रखेंगे। निकिता के ससुराल के लोगों ने उसे खोजने का कोई प्रयास नहीं किया।

बनासकांठा में फल और सब्जी की दुकान चलाने वाले अश्विन ने एफआईआर में कहा कि उनकी उन्होंने पार्थ मोदी संग बेटी की शादी 8 दिसंबर, 2016 को की थी। एक साल बाद ही निकिता ने बेटे को जन्म दिया था। उन्होंने कहा, 'निकिता के पति और अन्य परिजन बेटी न पैदा होने के चलते उसका उत्पीड़न करते थे। यही नहीं बेटी ने अपने परिजनों से भी इस बारे में बताया था, लेकिन उन्होंने ससुराल में सहमति बनाकर रहने की सलाह दी थी।'

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