बेखौफ होकर वाघा बॉर्डर गए भारतीय रेल के ड्राइवर-गार्ड, और समझौता ट्रेन लेकर भारत आए

 नई दिल्ली
 
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को अपने ड्राइवर-गार्ड की सुरक्षा को खतरा बताते हुए समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को वाघा बार्डर (पाकिस्तान) में रोक दिया। वहीं भारतीय रेल के ड्राइवर-गार्ड निडर होकर वाघा बार्डर स्टेशन पर खड़ी समझौता ट्रेन लेकर भारत आए। हालांकि, इसके चलते ट्रेन दिल्ली में साढ़े चार घंटे की देरी से पहुंची।

ट्रेन में 84 यात्री थे जिनमें से 41 पाकिस्तानी नागरिक थे। इसके साथ ही ड्राइवार और गार्ड ने अटारी स्टेशन पर खड़ी लिंक सेवा ट्रेन के मुसाफिरों को समझौता ट्रेन में बिठाकर पुन: वाघा बार्डर स्टेशन तक छोड़कर भी आए। दिल्ली में बैठे रेल प्रशासन को यह फैसला लेने में महज दो घंटे लगा।

 ट्रेन परिचालन से जुड़े फिरोजपुर डिविजन के सीनियर डिविजनल ऑपरेटिंग मैनेजर सुधीर सिंह ने बताया कि 12.55 बजे वाघा बार्डर स्टेशन से संदेश मिला कि भारत में सुरक्षा व्यवस्था के हालात ठीक नहीं हैं, इसलिए समझौता एक्सप्रेस के ड्राइवर-गार्ड को सुरक्षा कारणों से अटारी नहीं आ सकते हैं। इस पर रेलवे के अधिकारियों ने पाकिस्तान रेल अधिकारियों को आश्वस्त किया कि यहां ऐसी कोई बात नहीं है। ड्राइवर-गार्ड समझौता लेकर अटारी तक आ सकते हैं।

लेकिन पाकिस्तान रेलवे के अधिकारी नहीं माने। इस पर उत्तर रेलवे के दिल्ली स्थिति मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर ड्राइवर उमा शंकर यादव व गार्ड को वाघा से ट्रेन लेने के लिए रवाना किया गया। इसके बाद समझौता एक्सप्रेस ट्रेन अटारी से रात लगभग एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुई जोकि सुबह आठ बजे पहुंची।

बिना सुरक्षाकर्मी के गए 
पंजाब में उत्तर रेलवे के फिरोजपुर डिविजन के ड्राइवर उमा शंकर यादव और गार्ड कमलेश कुमार मीणा को वाघा बार्डर स्टेशन पर खड़ी समझौता एक्सप्रेस ट्रेन को भारत लाने के निर्देश दिए गए। उनके साथ कोई सुरक्षा कर्मी नहीं भेजा गया। उमा शंकर बेखौफ होकर गुरुवार दोपहर को लगभग 2.40 मिनट पर इंजन लेकर वाघा बार्डर स्टेशन रवाना हुए। उन्होंने समझौता एक्सप्रेस से पाकिस्तान का इंजन हटाकर भारतीय इंजन लगाया और लगभग 3.20 बजे भारत (अटारी स्टेशन) के लिए रवाना हुए।

कोई घबराहट नहीं थी
उमा शंकार ने बताया कि वाघ बार्डर से समझौता ट्रेन लाने में किसी प्रकार की कोई घबराहट नहीं थी। यह हमारे लिए आम बात है। अटारी-वाघा बार्डर आना-जाना लगता रहता है। वाघा स्टेशन पर स्थितियां समान्य नजर आईं। हालांकि, भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने पर स्थितियां बदल जाती हैं। 

सेवा पर असमंजस
फिरोजपुर के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने बताया पाकिस्तान रेलवे के मना करने के बाद वाघा बार्डर से समझौता लाने के लिए इधर से ड्राइवर-गार्ड व इंजन भेजा गया था। वाघा स्टेशन पर स्थिति सामान्य थी। क्रू सदस्य (ड्राइवर-गार्ड) को किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हुई। यदि क्रू सदस्यों को वाघा बार्डर पर रोका जाता तो यह अंतरराष्ट्रीय फोरम में उठता। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *