बुर्का और घूंघट विवाद पर बोले राइटर जावेद अख्‍तर

हाल में हुए बुर्का विवाद पर राइटर जावेद अख्‍तर ने सफाई दी है। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा का सवाल है तो उन्‍हें कोई समस्‍या है। हालांकि, कुछ लोगों ने उनकी बात का गलत अर्थ निकाल लिया।

दरअसल, अख्‍तर ने पूछा था, 'जब सुरक्षा की बात आती है तो चेहरे को ढंकना एक समस्‍या हो सकती है। अगर बुर्का बैन है तो घूंघट पर भी प्रतिबंध होना चाहिए। बुर्का या घूंघट की क्‍या जरूरत है?'

जावेद के इस बयान का कुछ लोगों ने गलत मतलब निकाला जिसके बाद उन्‍होंने अपने ट्विटर हैंडल एक नया पोस्‍ट किया जिससे यह क्‍लियर होता है कि वह क्‍या कहना चाहते थे।

जावेद ने लिखा, ' कुछ लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कहा था कि हो सकता है कि श्री लंका में ऐसा (बुर्के पर बैन) सुरक्षा कारणों से किया गया हो लेकिन वास्तव में यह महिला सशक्तिकरण के लिए जरूरी है। चेहरे को नकाब या घूंघट से ढंकने पर रोक लगनी चाहिए।'

जावेद अख्‍तर के ट्वीट के मुताबिक, यह साफ है कि उनके बयान हमेशा महिला सशक्‍तिकरण के समर्थन में होते हैं और इस तरह उन्होंने 'बुर्का' या 'घूंघट' पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया।

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