बीसीसीआई अध्यक्ष से कैबिनेट तक: ऐसा रहा अनुराग ठाकुर का सफर

 
नई दिल्ली

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इसी महीने हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली में वादा किया था कि अगर हमीरपुर के मतदाता अनुराग ठाकुर को रेकॉर्ड मतों से जिताते हैं तो वह ठाकुर को 'बड़ा नेता' बना देंगे। लोगों ने वैसा ही किया और शाह ने अपना वादा निभाया तथा ठाकुर को गुरुवार को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अनुराग ठाकुर हमीरपुर सीट से चौथी बार जीते हैं। 
 
इस बार उन्हें 69.04 प्रतिशत मत मिले। अनुराग पहली बार मई 2008 में हुए उपचुनाव में विजयी हुए थे। इसके बाद वह 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में लगातार विजयी हुए। भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर ने 26 जनवरी 2011 को लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कोलकाता से श्रीनगर तक की राष्ट्रीय एकता यात्रा की थी। 24 अक्टूबर 1974 को पैदा हुए अनुराग ने पंजाब में जालंधर के दोआबा कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। 

उनके पिता राजनीति में आने से पहले वहां पढ़ाया करते थे। 44 वर्षीय ठाकुर मई 2016 से फरवरी 2017 तक बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के अध्यक्ष रहे। लोढ़ा सुधारों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा। अनुराग को 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार मिला था। वह लोकसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं। फिलहाल वह हमीरपुर से सांसद होने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।

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