बीजेपी के मुद्दों पर जवाब की बजाय अब अपने अजेंडे पर आगे बढ़ रही कांग्रेस, घोषणापत्र से हुआ साफ

  नई दिल्ली 
कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र के जरिए उन मुद्दों पर संकोच की स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश की है, जिन पर पीएम नरेंद्र मोदी उसे घेर रहे थे। मंगलवार को जारी घोषणापत्र में कांग्रेस ने घृणा के खिलाफ नया कानून लाने, राजद्रोह की धारा को हटाने और अफस्पा में संशोधन करने जैसे वादे किए हैं। अब तक बीजेपी इन मुद्दों पर ही कांग्रेस को घेरती रही है और इसे लेकर राष्ट्रवाद को उभार देती रही है। 

कांग्रेस की ओर से ये वादे उसे एक बार फिर से बीजेपी के राष्ट्रवादी कैंपेन के टारगेट पर ला सकते हैं। बीजेपी ने 5 साल सत्ता में रहने के बाद भी चुनाव से पहले राष्ट्रवाद के मुद्दे को एक बार फिर से प्रमुखता दी है। यदि कांग्रेस आगे बढ़ती है तो उसकी वजह तीन ऐसे फैक्टर हैं, जिन्होंने पार्टी में भरोसा जगाने का काम किया है। इसके अलावा कुछ हद तक यह साबित हुआ है कि राहुल गांधी प्रमुख नेता के तौर पर उभरे हैं और कांग्रेस मजबूत हो रही है। 

पहला, राहुल गांधी की मंदिरों की यात्रा प्रभावी साबित हुई है और बीजेपी की ओर से गढ़ी गई कांग्रेस की 'अल्पसंख्यक तुष्टीकरण' वाली छवि कमजोर हुई है। इसके अलावा दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार यह साबित हुआ है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमजोरी और नौकरियों का अभाव भी समाज में अहम मुद्दे हैं। 

दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की तीन बीजेपी शासित राज्यों में जीत ने यह साबित किया है कि पार्टी बीजेपी के मुद्दों पर जवाब देने की बजाय अपने अजेंडे को तैयार कर रही है। राफेल मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने जिस से तीखा और सीधा वार किया, उससे स्पष्ट है कि उन्हें बढ़त मिली है। यहां तक कि अन्य सहयोगी दलों ने भी राहुल गांधी की लाइन को पकड़ा है। 

लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र ने यह स्पष्ट किया है कि अब उसे बीजेपी के गोरक्षा जैसे मुद्दों पर रक्षात्मक रुख अपनाने की जरूरत नहीं है और वह अपने अजेंडे को बढ़ा सकती है। 

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