बीजापुर के सरकारी शराब दुकानों में ग्राहकों से हो रही अवैध वसूली!

बीजापुर 
छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार ने खुद ही शराब बेचने का निर्णय लिया था. इसके बाद सूबे में सरकार बदलने के बाद भी इस निर्णय को यथावत रखा गया. हालांकि, शराबबंदी को मुद्दा बनाकर सूबे में सरकार बनाने वाली कांग्रेस की सरकार शराब बंदी की तरफ अब तक कोई कदम उठाते हुए नजर नहीं आ रही. बल्कि, अब शासकीय शराब दुकानों के संचालक और सेल्स मेन अवैध तरीके से शराबियों के जेब में ढाका डालने का नया हथकंडा आजमा रहे है. बीजापुर जिला मुख्यालय में संचालित देशी और विदेशी मदिरा दुकान में इसकी बानगी देखने को मिलती है. यहां किसी भी ब्रांड के किसी भी शराब के बोतल में एमआरपी रेट से 20 रूपए अधिक वसूला जा रहा है. मसलन 80 रूपए की शराब की बोतल को 100 रूपए में, 150 रूपए की शराब की बोतल को 170 रूपए में बेचा जा रहा है. इसके बाद ग्राहक को जो पावती दिया जाना चाहिए वो भी नहीं दी जा रही है. शराब दुकान के कर्मचारियों के मुताबिक़ हर दिन करीब 5 लाख रूपए की शराब बीजापुर के लोग निगल जाते हैं. हर रोज़ सभी ब्रांड के अलग-अलग कम से कम 2000 शराब की बोतलों की बिक्री हो जाती है.

ग्राहकों का आरोप है कि 1 बोतल में एमआरपी रेट से 20 रूपए अतिरिक्त लिया जाता है. वहीं दिन भर में 2000 बोतलों की बिक्री होती है. मतलब साफ़ है कि शासकीय शराब दुकान के संचालक और सेल्स मेन एक दिन में ग्राहकों से 40,000 रूपए अवैध तरीके से वसूल रहे है. इस लिहाज़ से एक महीने में 12 लाख रूपए इस गोरखधंधे की आड़ में शराब दुकान के संचालकों द्वारा ग्राहकों के जेब से अतिरिक्त लिया जा रहा है. मतलब 1 साल में अवैध वसूली की ये रकम 14 करोड़ 40 लाख रूपए पहुंच जाती है.

ग्राहकों का आरोप है कि शराब दुकान के सेल्समैन से जब इस अवैध उगाही के बारे में सवाल किया जाता है तो वो लोग ग्राहकों से अभद्रता करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी जाती है. ऐसे ही एक मामले की रिकॉर्डिंग एक ग्राहक ने अपने मोबाइल में भी कैद किया है. ग्राहक द्वारा जब एमआरपी रेट से 20 रूपए अधिक लिए जाने पर विरोध किया गया तो, सेल्समेन द्वारा ग्राहक से ही अभद्रता की गई. वहीं जब सेल्समेन से पूछा गया तो सेल्समैन ने भी खुद स्वीकार किया की उनके ग्राहक से गाली-गलौच किया है. इस मामले के बाद ग्राहक ने सेल्समैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है.  तो वहीं इस पूरे मामले में आबकारी अधिकारी वीके अंधारे का कहना है कि एमआरपी रेट से 20 रूपए अधिक नहीं लिया जा रहा है. जब चिल्लर नहीं रहता तब ग्राहकों को वापस भेज दिया जाता है. अतिरिक्त वसूला जैसी कोई बात नहीं है. आबकारी अधिकारी का कहना है कि ग्राहक से अभद्रता करने वाले सेल्समैन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

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