बिहार के विकास में योगदान दें अप्रवासी बिहारी : सुशील मोदी

पटना 
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि रोजगार के लिए पलायन खराब नहीं है। बिहारियो में प्रतिभा है। रोजी-रोजगार के लिए किसी को बाहर जाने से नहीं रोका जा सकता है। लेकिन बाहर जाने वाले बिहारी अपनी जड़ों को नहीं भूलें। बिहार के विकास में अप्रवासी बिहारी भी योगदान करें।

शनिवार को ज्ञान भवन में भाजपा विदेश प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित पहले अप्रवासी बिहारी सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर चर्चा होती है कि अगर चांद पर भी वैकेंसी निकल जाए तो बिहारी वहां भी रोजगार खोज लेंगे। दुनिया में सबसे अधिक बिहारी मॉरिशस में रहते हैं। 65 फीसदी से अधिक आबादी है और  राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी बन चुके हैं। एक करोड़ 75 लाख भारतीय दूसरे देशों में काम कर रहे हैं और वे 78 बिलियन डॉलर पैसा भारत में भेज रहे हैं। विदेशों से पैसा भेजने में बिहार छठे पायदान पर है। बिहार में हर साल तीन लाख पासपोर्ट बनता है। सबसे अधिक सीवान, गोपालगंज, औरंगाबाद से लोग बाहर जाते हैं।  

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अप्रवासी बिहारी शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, स्कूल या अन्य कामों के लिए जमीन देंगे तो सरकार उन संस्थानों का नाम उनके परिजनों पर कर देगी। बिहार में हो रहे विकासात्मक कार्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि श्रीबाबू के निधन के बाद राज्य का विकास नहीं हुआ। 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद बिहार तेजी से विकास कर रहा है। औसतन 10 फीसदी की दर से अधिक विकास दर है। अब बिहारियों को अपनी पहचान छिपाने की जरुरत नहीं पड़ती।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अप्रवासी बिहारियों की डायरेक्ट्री बनाने का सुझाव दिया। किसी भी क्षेत्र में नाम करने वाले बिहारियों की गाथा सबों के सामने लाएं। बिहार कैसे नॉलेज हब बने, इसकी कोशिश करें। डोमिसाइल नीति की आलोचना करते हुए कहा कि देश-विदेश में यह लागू हो जाए तो बिहारियों को रोजगार कैसे मिलेगा। इस नीति से बिहार को बिहार में ही बांध दिया जाएगा। केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मातृभाषा को संरक्षित करें। बक्सर में रामायण सेंटर बनाने की घोषणा की। 

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहारी मेहनती हैं। कहीं भी जाएं पर अपनी पहचान नहीं छोड़ें। अपना लोकगीत, लोक संस्कृति, लोकभाषा को जरूर  बचाएं। स्वागत भाषण अनिल दत्त सिंह ने किया। मौके पर पूर्व सांसद विजय सिंह यादव, संगठन महामंत्री नागेन्द्र, सह महामंत्री शिवनारायण, पंकज सिंह, अशोक भट्ट, राजीव रंजन, सुजीत झा, राजेश वर्मा, साधना सिंह सहित देश-दुनिया से आए कई अप्रवासी बिहारी मौजूद थे। 

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