बिलों को संसदीय समितियों से बिना मंजूरी पास कराने के विपक्ष के आरोप पर बीजेपी का पलटवार

 
नई दिल्ली 

विपक्षी दलों की ओर से सरकार पर विधेयकों को संसदीय समितियों से मंजूरी के बिना पारित कराए जाने के आरोपों का बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने जवाब देते हुए कहा है कि उसके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 2014-19 के दौरान राज्यसभा की समितियों को 17 विधेयकों का ड्राफ्ट सौंपा था। इनसे मंजूरी मिलने के बाद ही विधेयकों पर आगे बढ़ने का फैसला लिया गया। यही नहीं उल्टे कांग्रेस पर ही बरसते हुए बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2009-14 के दौरान महज 5 विधेयकों को ही संसदीय समितियों को मंजूरी के लिए दिया था। 
राज्यसभा में बीजेपी के चेहरे और पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि विपक्ष इसलिए सवाल उठा रहा है क्योंकि वह कानूनों के बनने की प्रक्रिया में देरी कराने की कोशिश में है। एक बयान में उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस बात से दिक्कत है कि संसद काफी प्रॉडक्टिव रही है और अधिकतर समय विधेयकों को पारित कराने में लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आपत्तियां समझ से परे हैं, जबकि संसद ने अपने अधिकतम घंटों का अच्छा इस्तेमाल किया है और कानून बनाए हैं, जो कि उसका काम है। 

बता दें कि हाल ही में 17 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू को खत लिखकर सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने विधेयकों को संसदीय समितियों की मंजूरी के बिना जल्दबाजी में पास कराया है। उच्च सदन में कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट दलों के तीखे विरोध के बाद भी क्षेत्रीय दलों के समर्थन से आरटीआई संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद विपक्षी दलों ने यह मुद्दा उठाया था। 

इससे पहले विपक्ष कई विधेयकों को उच्च सदन में रोक चुका है क्योंकि राज्यसभा में सत्ताधारी गठबंधन के मुकाबले संख्याबल उसके समर्थन में है।यादव ने कहा कि यह कहना कि राज्यसभा में बिलों को संसदीय समितियों की मंजूरी के बिना पारित कराया गया, यह कहना गलत है। विपक्षी दलों पर संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'संसद के कामकाज के बारे में बात करने वाले सदस्यों को आत्मावलोकन करना चाहिए कि 2015 का मॉनसून सेशन, 2018 का बजट सेशन, 2018 का शीत सत्र और फिर 2019 का अंतरिम बजट सत्र क्यों धुल गया। यह भी आश्चर्यजनक है कि वे सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की बजाय बाधाएं उत्पन्न करते रहे हैं और अब परफॉर्मेंस को लेकर सवाल उठाते हैं।' 
 

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