बालोद के इस गांव में घुसने पर ग्रामीणों ने लगा दी रोक, ये थी वजह
बालोद
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के एक गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई. यह रोक प्रशासन की ओर से नहीं बल्कि गांव के लोगों ने खुद लगाई थी. इसके पीछे आस्था भी कह सकते हैं या फिर पुरानी मान्यता भी. गांव में कोई अनिष्ट न हो इस आशंका से पूजा-पाठ की जा रही थी. बालोद से 8 किमी दूर बूढ़ादेव मंदिर स्थल के गांव भोथली में यह रोक लगी थी.
इस गांव में शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे से ग्रामीणों ने टोली बनाकर पहरेदारी शुरू कर दी ताकि कोई बाहरी गांव में नहीं आ सके. सबने रास्ते पर कांटे और लकड़ी बिछाकर रास्ता बंद कर दिया था. जिन लोगों को भोथली गांव में जाना था उन्हें गांव वालो ने गांव घुसने ही नहीं दिया. जिन्हें उस रास्ते से रेवतीनवा गांव, घुमका या अन्य गांव जाना था, गांव वालों ने उन्हें भी जाने दिया. एक दिन पहले ही गांव में बैठक लेकर ग्राम प्रमुखों ने ये फैसला ले लिया था कि शुक्रवार को गांव में बाहरियों को नहीं आने देंगे.
एसपी एमएल कोटवानी का कहना है कि गांव को अच्छा बनाना या देवी देवता मानना ये आस्था है इस पर तो पाबंदी नहीं लगा सकते लेकिन और किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. छत्तीसगढ़ अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्रा की मानें तो यह प्रथा पूरी तरह से अंधविश्वास है.