बाराबंकी में 50 सालों से अहमद हुसैन बना रहे हैं रावण-मेघनाथ

बाराबंकी
पूरे देश में आज बुराई के प्रतीक रावण के पुतले दहन किए जा रहे हैं, वहीं यूपी के बाराबंकी में 50 सालों से अहमद हुसैन रावण-मेघनाथ बना रहे है. दरअसल दशहराबाग इलाके में अहमद हुसैन 50 वर्ष से रावण के पुतले को तैयार करते आ रहे हैं. इससे पहले उनके पिता और दादा यह काम करते थे. हुसैन ने बताया कि वह दशहरा आने से दो महीने पहले से ही रावण के पुतलों को तैयार करने में जुट जाते हैं. वहीं डिमांड के अनुसार बड़ा रावण- मेघनाथ तैयार करते हैं.

बता दें कि बाराबंकी के 150 वर्ष पुरानी रामलीला का एक अलग ही अंदाज है. कनक भवन की तर्ज पर यहां स्थित दशहरा मंदिर में साल 1897 के प्रमाण भी मिले हैं. यहां की रामलीला में इस बार भी बहराइच और अयोध्या के अलावा बाराबंकी जिले के करीब 250 से ज्यादा कलाकार मंचन कर रहे हैं. श्री रामलीला सेवा समिति दशहराबाग की ओर से डेढ़ किलोमीटर की परिधि में प्राचीन रामलीला को भव्य स्वरूप दिया गया है.

प्राचीन रामलीला में इस बार भगवान राम और रावण का युद्ध हाइड्रोलिक मंच और नैमिष के तीरों से होगा. जिसके बाद 40 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा. खास बात है कि रामलीला का रावण और मेघनाद का पुतला पहिए पर तैयार किया जाता है. जो युद्ध के समय चलता हुआ मेलार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. इसके साथ ही युद्ध में हाथी, घोड़ा और ऊंट का प्रयोग भी होता है.

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