बाजवा पर अकेले पड़ गए इमरान, विपक्ष खफा
लाहौर
जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के कड़े रुख से पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हाथ से निकलने के डर सता रहा है। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने सलाहकारों से मंत्रणा करने के बाद आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल तीन साल और बढ़ा दिया है। उनको लगता है कि कोई नया आर्मी चीफ हालात से ठीक तरह से शायद न निपट सके पर इमरान खान को इस मुद्दे पर अपने ही देश के लोगों का साथ नहीं मिल रहा है। अपने इस फैसले को लेकर पाक पीएम अलग-थलग पड़ गए हैं। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने उनके इस कदम की जोरदार आलोचना की है।
विरोधी दलों का कहना है कि बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार दिए जाने को लोग सकारात्मक तरीके से नहीं लेंगे। इससे पूरी दुनिया में गलत संदेश जाएगा कि पाकिस्तानी सेना ‘एक या दो लोगों’ पर निर्भर है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने कहा, 'सेवा में विस्तार उचित नहीं है और इससे लोगों में सकारात्मक संदेश नहीं जाएगा। इस सेवा विस्तार का वरीयता क्रम में शामिल कई अधिकारियों पर करियर के लिहाज से और उनके मनोबल पर भी असर पड़ेगा।'
'ताकतवर संस्थानों को किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए'
बाबर ने कहा कि सेना एक ताकतवर संस्थान है और ‘ताकतवर संस्थानों को किसी व्यक्ति पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह कितना सक्षम और बेहतर है।’अन्य विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने हालांकि बाजवा के विस्तार पर प्रतिक्रिया देने में सतर्कता बरती। पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के करीबी सहयोगी मुसाहिदुल्लाह खान ने कहा, ‘हम फिलहाल इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। बेहतर होगा प्रधानमंत्री खान से इस बारे में पूछा जाए।’
2016 में नवाज शरीफ ने बनाया था आर्मी चीफ
जनरल बाजवा को नवंबर 2016 में पाक आर्मी चीफ के पद पर बैठाया गया था। यह नियुक्ति तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने की थी। इमरान खान के ऑफिस से सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'आर्मी चीफ बाजवा का कार्यकाल खत्म होने के दिन से उन्हें एक और कार्यकाल (3 साल) के लिए नियुक्त किया जाता है।' नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि क्षेत्रीय सुरक्षा के माहौल को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।