बसपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने पर लेन देन का आरोप

राजगढ़ 
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के राजनीतिक गलियारों में उस समय हलचल मच गई जब एक राष्ट्रीय पार्टी बहुजन समाज पार्टी की राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र की उम्मीदवार निशा त्रिपाठी  ने अपना नामांकन वापस ले लिया वहीं लोगों के बीच में यह एक चर्चा का विषय बन गया ।  इस बारे में बीएसपी के पूर्व जिला प्रभारी इंदर सिंह वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह कांग्रेस के ऊपरी स्तर के नेताओं की साजिश है और मेरे जिले के पदाधिकारियों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार रचा गया है | 

उन्होंने कहा यहां नामांकन वापसी कभी नहीं होती अगर वहां पर जिले के पदाधिकारी मौजूद होते तो, वहीं उन्होंने कहा कि इसमें यकीनन पैसों की लेनदेन हुई है क्योंकि बसपा के साथ जनता का और अनुसूचित जनजाति का बहुत ज्यादा बहुमत था और यह लोग बसपा में ही वोट करते हैं और वो कांग्रेस के वोटर होते हैं | लेकिन बसपा के उम्मीदवार होने के वजह से युवा बसपा के पक्ष में अपना वोट करते इसलिए यह नामांकन वापसी बहुत सोची-समझी साजिश है। 

नामांकन वापसी पर बसपा की प्रत्याशी निशा त्रिपाठी ने कहा कि मैं बसपा से चुनाव लड़ रही थी और मैंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है और अगर मैं चुनाव लड़ती तो कांग्रेस के वोट कटते इसलिए मैंने पर्चा वापस ले लिया, उनसे जब पूछा गया कि आपकी क्या मजबूरियां थी तो उन्होंने कहा कि पार्टी मुझे सही ढंग से काम नहीं करने देती थी| उन्होंने कहा मैं कांग्रेस का समर्थन करूंगी और यहां से प्रत्याशी मोना सुस्तानी को पूरा समर्थन रहेगा जिससे उनकी सीट निकल जाए।

निशा त्रिपाठी के नामांकन वापसी को लेकर लोगों के बीच में अनेक तरह की चर्चाएं चलने लगी वहीं कुछ लोग कह रहे थे कि यह सब कांग्रेस ने किया है क्यों कि बीएसपी अधिकतम वोट कांग्रेस के ही अपनी ओर खींचती है|  राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में बीएसपी के उम्मीदवार निशा त्रिपाठी वैसे तो गुना की रहने वाली है परंतु उन्होंने यहां के कार्यकर्ताओं की मदद देते हुए राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने की कोशिश की थी और उन्होंने यहां पर एक दमदार शुरुआत करते हुए लाव लश्कर के साथ अपना नामांकन दाखिल करने 23 तारीख को निर्वाचन अधिकारी के यहां पहुंची थी।

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