बलियाः बड़ों को समझाने के लिए ‘कोरोना-कोरोना’ खेल रहे बच्चे, सोशल डिस्टेंसिंग का दे रहे संदेश

बलिया 
कोरोना महामारी से बचने के लिए देश में लॉकडाउन होने के बाद कुछ लोग सड़कों पर सन्नाटा देखने के नाम पर मौज-मस्ती को निकल रहे हैं। ऐसे लोगों पर पुलिस प्रशासन सख्त है लेकिन फिर भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया में ऐसे नासमझ लोगों को समझाने का बीड़ा बाल सेना ने उठा लिया है। जिले में लॉकडाउन के बाद घरों में बंद कुछ बच्चों ने खेल-खेल में ही नाटक के जरिए ऐसे लोगों को संदेश देने की कोशिश की है। बलिया में बच्चे बड़ों को जागरूक करने के लिए एक खेल खेलते हैं। इस खेल में पांच बच्चों का एक समूह रहता है। इस ग्रुप में एक बच्चा कोरोना बनता है और घर के बाहर घूम रहे दो बच्चों को पकड़ने की कोशिश करता है। वहां मौजूद दो बच्चियां बड़ी मासूमियत से कोरोना से पूछती हैं कि 'क्या तुम मुझे भी पकड़ोगे' तो कोरोना का जवाब होता है 'नहीं, जो घर के बाहर घूमते हैं, मैं उन्हीं को पकड़ता हूं।' इस दौरान कोरोना खुद से बचाव का तरीका भी बताता है और अपने गुस्से का इजहार भी करता है। 

बड़ों को समझाने के लिए खेल रहे खेल 
इस खेल में कोरोना का किरदार निभाने वाले अभिषेक चतुर्वेदी ने कहा कि हम लोग इसलिए इस खेल को खेलते हैं ताकि बड़े बिना कारण से बाहर घूमना छोड़ दें। इस खेल में शामिल युतिका भी कहती हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी इतनी अपील कर रह रहे हैं फिर भी बड़े लोग नहीं समझ रहे हैं और बिना किसी कारण के घर से निकल जा रहे हैं। ऐसे लोगों को समझाने के लिए हम लोग कोरोना-कोरोना खेल रहे हैं। दरअसल बच्चों की यह मुहिम इसलिए है ताकि जिन लोगों की नासमझी से देश को बड़ा नुकसान हो सकता है, उसे रोका जाए। अभी तक बड़े ही बच्चो को समझाते है पर जब बड़े ही गलती करें तो बच्चे उन्हें सही रास्ते पर चलना ही नहीं बल्कि सही तरीके से घर में रहना भी सिखा रहे हैं। 

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