बजरंग बली को आयकर विभाग का नोटिस, 13 दिसंबर तक मांगा जवाब

इंदौर
इंदौर (Indore) में अब आयकर विभाग (income tax department) ने भगवान को नोटिस (notice) थमा दिया है. मामला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि पूरे दो करोड़ 23 लाख 88 हजार 730 रुपए का का है. आयकर विभाग ने शहर के प्रसिद्ध प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर (ranjeet hanuman mandir) को ये नोटिस जारी किया है. इसका जवाब 13 दिसंबर तक देना है.

इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर को आयकर विभाग ने दो करोड़ 23 लाख 88 हजार 730 रुपए का नोटिस कर चोरी के मामले में दिया है.नोटबंदी के दौरान रणजीत हनुमान मंदिर की दान पेटियों से 26 लाख से अधिक की राशि मिली थी. उस पैसे को मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के नाम पर खुले बैंक खाते में जमा करा दिया था. इतनी राशि एक साथ जमा होने के कारण आयकर विभाग ने मामला संदिग्ध मानते हुए पकड़ लिया. उन्होंने पूरे साल 2016-17 की मंदिर की आय निकाली तो पता चला कि इस दौरान करीब सवा दो करोड़ रुपए की राशि मंदिर को दान में मिली थी.

आयकर विभाग ने आगे जांच की तो पता चला कि मंदिर का ट्रस्ट आयकर एक्ट की धारा में रजिस्टर्ड नहीं है. इस हिसाब से आयकर विभाग ने मंदिर की इस पूरी आय पर नये आयकर नियम के तहत 77 फीसदी टैक्स और पेनल्टी लगाकर करीब दो करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड निकाली और फिर मंदिर को नोटिस भेज दिया. मंदिर समिति के प्रशासक एसडीएम रवि कुमार सिंह हैं.

रणजीत हनुमान मंदिर प्रशासक एसडीएम रवि कुमार सिंह का कहना है आयकर विभाग के सभी पत्रों का जवाब सीए के माध्यम से समय समय पर दिया गया. मंदिर सरकारी जमीन पर बना है और ये जिला प्रशासन के अधीन है. कलेक्टर इसके अध्यक्ष हैं. उन्होंने मुझे प्रशासक नियुक्त किया है. मंदिर की आय का हिसाब सरकार के पास है. धर्मार्थ कार्यों के लिए ही मंदिर के पैसे का उपयोग किया जाता है इसलिए आयकर में रजिस्टर्ड होना जरूरी नहीं है और टैक्स की जिम्मेदारियां भी इस पर नहीं बनती हैं.

रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी दीपेश व्यास का कहना है मंदिर पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण है. दान में मिले पैसे से धर्माथ काम किए जाते हैं. अन्नक्षेत्र का संचालन किया जाता है जिसमें रोज 500 से ज्यादा भक्त निशुल्क भोजन करते हैं. भक्तों के लिए आरओ के पानी की व्यवस्था है. आंगनबाड़ियों में भी फ्री भोजन भेजा जाता है. मंदिर का रखरखाव और समय समय होने वाले आयोजन भी इसी पैसे से कराए जाते हैं.

आयकर विभाग का कहना है खजराना गणेश मंदिर की तरह रणजीत हनुमान मंदिर एक्ट से संचालित नहीं है और न ही आयकर की छूट की धारा के तहत रजिस्टर्ड है, इसलिए टैक्स लगाया गया है. अब 13 दिसंबर को मंदिर प्रशासन को अपना जवाब पेश करना है. हालांकि मंदिर प्रशासन के पास अपील का भी अधिकार है. इसकी समय सीमा नोटिस मिलने से एक महीने की है. वो चीफ कमिश्नर के पास अपील कर सकता है.

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