बच्‍चों को स्विमिंग क्‍लासेज भेजने से पहले रखें इन बातों का ध्‍यान, मेडिकल चेकअप जरुर करवाएं

गर्मी के मौसम में अधिकतर पैरेंट्स अपने बच्‍चों को एक्टिव‍िटी के नाम पर स्विमिंग सीखने भेजते है। तैराकी से न सिर्फ गर्मी से राहत मिलती है, बल्कि इससे शरीर में तंदरुस्त रहता है। ऐसे में समर वैकेशन में स्विमिंग का क्रेज काफी रहता है। हालांकि बच्चों को स्विमिंग पूल भेजने के दौरान काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। दरअसल छोटी सी लापरवाही से बच्‍चों के बीमार पड़ने की सम्‍भावना अधिक हो जाती है।

आज इस आर्टिकल में हम आपको बच्‍चों की स्विमिंग को लेकर कुछ सेफ्टी टिप्‍स के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आपका बच्‍चा पहली दफा स्विमिंग क्‍लासेज ज्‍वॉइन कर रहा है तो आपको इसके ल‍िए विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। आखिर बच्चे को स्विमिंग के लिए भेज रहे हैं, तो उससे पहले क्या विशेष तैयारी करनी चाहिए या किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

मेडिकल चेकअप
बच्चों को स्विमिंग क्लास भेजने से पहले, डॉक्टर से उसकी जांच करवा लें। त्वचा के संक्रमण, आंख, नाक, गला और कान की जांच करवा लें। क्योंकि पूल के पानी में क्लोरीन की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है। इसके अलावा अगर बच्चे का वजन सामान्य से कम या अधिक (ओबेसिटी) है तो भी डॉक्टर तैराकी से पहले कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं।

पूल की सफाई
पूल की सफाई भी बहुत जरुरी होती है क्योंकि एक ही पूल का इस्तेमाल बहुत से लोग करते हैं और किसी को भी स्किन की या अन्य बीमारी हो सकती है। अपने बच्चे को स्विमिंग क्लास भेजने से पहले ये जरुर जान लें कि पूल का पानी नियमित रूप से बदला जाता है और क्या पूल की सफाई की जाती है। ज्यादातर पूल खुले एरिया में होते हैं- उन पर छाया नहीं होती, ऐसे में इनमें धूल, बारिश का पानी और अन्य चीजें गिरती रहती हैं। इसलिए ध्यान रखें कि गंदे पूल में तैरने से कहीं आपके बच्चे को इंफेक्‍शन हो जाए।

लाइफ गार्ड
सभी पूल्स में निर्धारित संख्या में लाइफ गार्ड जरूर होने चाहिए। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि एक आम तैरने वाले व्यक्ति को लाइफ गार्ड के रूप में तैनात कर दिया जाता है, जिसके पास इमरजेंसी में किसी व्यक्ति को बचाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं होती. साथ ही जब तैरने वालों की संख्या ज्यादा हो (सुबह और शाम के समय) तब सही अनुपात में लाइफगार्ड मौजूद होने चाहिए.

फर्स्‍टएड की सुविधा
सरकारी नियमों के अनुसार स्विमिंग पूल में फर्स्‍टएड रूम और फर्स्‍ट एड की अन्य सभी सुविधाएं होनी चाहिए। यह सुविधाएं पूल के नजदीक होनी चाहिए। इमरजेंसी में व्यक्ति को सबसे पहले फर्स्‍टएड रूम में ले जाना चाहिए और जरूरत के मुताबिक उसे फर्स्‍टएड‍ दिया जाना चाहिए। फर्स्‍ट एड के अलावा इस इमरजेंसी रुम में नजदीकी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र की जानकारी और एम्बुलेन्स बुलाने के लिए फोन नंबर की जानकारी होना जरुरी है।

ज्यादा भीड़ से बचें
इन दिनों स्विमिंग पूल्स में भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ज्यादातर लोग मनोरंजन के लिए या गर्मी से बचने के लिए तैरने आते हैं। वे पूल में तैरने के बजाए पानी में सिर्फ रुकना चाहते हैं। इससे पूल में भीड़ बढ़ जाती हैं। अच्छा होगा अगर आप अपने बच्चे के लिए ऐसा पूल चुनें जहां ज्यादा भीड़ न हो।

ट्रेनर और ट्रेनिंग
स्विमिंग सिखाने से पहले बच्चे को किसी अनुभवी कोच से ट्रेनिंग मिले। बाहर से देखने में तैराकी बहुत आकर्षित करती है, लेकिन तैरने से पहले तैराकी सीखना बहुत जरूरी है। इसलिए सुनिश्चित करें कि बच्चे कोच की निगरानी में तैराकी सीखें और इसके बाद ही पानी की गहराई में जाएं।

सुरक्षा उपकरण
बच्चों को तैरते समय सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे- फ्लोटर्स, आई ग्लास, ईयर प्लग, कैप, टॉवर। बड़े लोग जिन्हें तैरना आता है, वे जानते हैं कि बच्चे पानी से अक्सर डरते हैं, कुछ बच्चों को शुरुआत में पूल में जाना अच्छा नहीं लगता। आपको ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे जिस फ्लोटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह खराब न हो, और बच्चे पूल में इसे खिलौने की तरह न इस्तेमाल करें। फ्लोटर में छोटा सा छेद होने पर भी पानी में बच्चे का संतुलन बिगड़ सकता है और उसे चोट लग सकती है।

हाइड्रेशन
बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। हालांकि यह व्यायाम आप पानी में करते हैं लेकिन तैरने के दौरान आपके शरीर से डीहाइड्रेशन बहुत ज्यादा होता है। इस दौरान बहुत ज्यादा पसीना आता है। इसलिए अपने साथ पानी रखें। बच्चे को अच्छा सिपर दें, ताकि तैराकी के बीच में प्यास लगने पर वह पानी पी सके।

 

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