बच्ची का आखिरी दिन याद कर भर आईं लोगों की आंखें, पूर्व प्रधान बोले- उसके साथ चली गईं कई जानें

अलीगढ़ 
यूपी के अलीगढ़ में 2 साल की मासूम के अपहरण के बाद निर्मम हत्या से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसमें एक महिला भी शामिल है। बच्ची के परिवार में सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई उस दिन को याद कर रहा है जब उन्होंने बच्ची को आखिरी बार देखा था। बच्ची आखिरी दिन अपने कमरे में किचन सेट खेल रही थी, जहां उसका सामान अभी भी वैसा ही बिखरा हुआ है। 

घरवालों ने बताया कि 30 मई को बच्ची खिलौने वाले किचन सेट में कुछ पका रही थी। उसके कमरे में एक छोटे से पिंक कलर के प्लास्टिक के सिलेंडर के बगल में खिलौने वाला स्टोव रखा हुआ है और उसमें दो पैन चढ़े हुए हैं। उसके कमरे में चारों उसकी सैंडल बिखरी हुई हैं, जिसमें से एक हरे और नीले रंग की सैंडल है जो उसकी फेवरिट थी। घरवालों ने बताया कि बच्ची ने सात दिन पहले ही प्ले स्कूल में ऐडमिशन लिया था। 

बच्ची की मां खुद को संभालते हुए बताती हैं, 'वह काफी उत्साहित थी।' उन्होंने बताया, 'उसे स्कूल जाने की खुशी थी। मेरी बच्ची ऐसी ही थी, वह लोगों के बीच खुश रहती थी।' वह आगे कहती हैं, 'उसे सुबह उठना और स्कूल के लिए तैयार होना पसंद था। हमें आशा थी कि एक दिन वह पुलिस अधिकारी बनेगी। वह अपनी उम्र के हिसाब से काफी बुद्धिमान थी।' उनके इतना कहते ही घर में मौजूद बाकी लोगों की आंखें भर आईं। 
 
अलीगढ़ में टप्पल के लोग बच्ची की मौत से उबर नहीं पाए हैं। बच्ची का शव दो जून को कूड़े के ढेर में मिला था। टप्पल के ही किसी शख्स ने कुत्तों को उसके शव को खींचते हुए देखा था। उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे। गांव के जिस शख्स ने सभी को सबसे पहले सूचित किया था, वह शव की हालत देखकर काफी डर गया था। लड़की के शव में कुछ नहीं बचा था लेकिन बच्ची की मां ने उसकी कैप्री (एक तरह की पैंट) देखकर उसकी पहचान की थी जो उसने अपहरण वाले दिन पहनी थी। 

जिन दो लोगों ने बच्ची का किडनैप किया था उनकी पहचान जाहिद अली और असलम के रूप में हुई, जिन्होंने बाद में बच्ची की हत्या कर दी थी। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि बच्ची के दादा से आरोपी जाहिद ने कर्ज लिया था जिसमें से 10 हजार रुपये बकाया था जिसे बच्ची के दादा की तरफ से मांगने पर आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया। 

अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुल्हाड़ी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्ची से बलात्कार की आशंका से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान जाहिद ने स्वीकार किया कि उसने और दूसरे आरोपी असलम ने बच्ची का गला घोंट दिया था। इसके बाद बच्ची के शव को एक बोरे में भरकर पैक किया और फिर उसे एक कूड़े के ढेर में फेंक दिया था। 

गांव के पूर्व प्रधान ललित चौधरी ने बताया, 'हम अपने आप से पूछते हैं कि एक इनसान ऐसा कैसे कर सकता है, इतना नीचे कैसे गिर सकता है। उस बच्ची के साथ यहां के कई लोगों की जान चली गई है। टप्पल के लोग नाराज हैं, यह घटना दुखद है।' बच्ची के पिता प्लबिंग का व्यापार करते हैं। उन्होंने बताया, 'हमने एक खुशहाल जीवन सोचा था, जो एक कठिन और थका देने वाले दिन के रूप में खत्म हुआ', यह कहते हुए उनका गला रुंध गया। वह कहते हैं कि शादी के पांच साल बाद काफी मुश्किल से उन्हें एक बच्ची हुई थी। 

बच्ची के पिता ने बताया, 'जब हमारी बेटी ने जन्म लिया था, हमने सोचा कि हमारा अगला बच्चा बेटा होगा लेकिन मेरी पत्नी का गर्भपात हो गया। हमने तय किया कि हमें अब अगले बच्चे की जरूरत नहीं है। हमारे पास बेटी है और वह हमें खुश और गर्व महसूस कराने के लिए काफी है। हम जानते हैं कि अगर मेरी बच्ची की हत्या न हुई होती तो वह एक दिन हमें जरूर खुद पर गुमान कराती।' 

बच्ची के दादा अवसाद में चले गए हैं और खुद को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने लगते हैं। वह कहते हैं, 'अगर मैंने जाहिद को पैसे नहीं दिए होते, तो यह सब नहीं होता। अगर मुझे यह पता होता कि कर्ज वापस मांगने पर वे इतना गुस्सा जाएंगे तो मैं उनसे कभी पैसे नहीं मांगता', वह सिर पकड़ लेते हैं और खुद को घटना के लिए दोषी ठहराते हैं। 

अलीगढ़ के वकीलों ने आरोपियों का केस लड़ने से इनकार दिया है। अलीगढ़ बार असोसिएशन के सचिव अनूप कौशिक कहते हैं, 'हम बच्ची के परिवार के साथ हैं। कोई भी वकील आरोपियों का केस नहीं लेगा। हम बाहर से भी किसी वकील को उनका केस लड़ने की इजाजत नहीं देंगे। आरोपियों को सजा-ए-मौत मिलनी चाहिए।' 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *