बच्चाें से ज्यादती के मामलाें में मप्र के हालात सबसे खराब:सुप्रीम काेर्ट

भोपाल
 सुप्रीम काेर्ट ने बच्चाें से ज्यादती के कुल मामले और यह कितने समय से अदालताें में लंबित हैं, इसका जिलेवार ब्याेरा मांगा है। सुप्रीम काेर्ट की रजिस्ट्री काे सभी हाईकाेर्ट के रजिस्ट्रार से यह डेटा जुटाकर 10 दिन में रिपाेर्ट साैंपने काे कहा है। अगली सुनवाई 25 जुलाई को हाेगी। बच्चाें से ज्यादती के मामले बढ़ने पर सुप्रीम काेर्ट ने खुद ही संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है।

काेर्ट ने पहले छह महीने का डेटा मांगा था। साेमवार काे सुनवाई के दाैरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने वर्ष 2018 में बच्चों से ज्यादती के मामलाें का पूरा डेटा पेश करने के निर्देश दिए। डेटा विश्लेषण के बाद कोर्ट इन मामलों कोे निपटाने के लिए राज्याें काे दिशा-निर्देश जारी करेगा।

6 महीने में 24 हजार केस, मप्र में हालात सबसे खराब
एमिकस क्यूरी सीनियर एडवाेकेट वी गिरी ने काेर्ट काे बताया कि इस साल 1 जनवरी से 30 जून तक देश में बच्चों से दुष्कर्म व यौन शोषण के 24,212 केस आए हैं। सबसे बुरी स्थिति उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की है। उत्तरप्रदेश में इस दाैरान सबसे अधिक 3,457 केस दर्ज हुए, जबकि 2,389 मामलाें के साथ मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर रहा।

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