फॉर्मूले की ‘फांस’ में महागठबंधन, जानिए किन सीटों को लेकर अटकी है बात

पटना 
दिल्ली में महागठबंधन के सीटों के बंटवारे पर महामंथन की बैठक को जीतनराम मांझी ने बीच में ही छोड़ दिया. वहीं विकासशील इंसान पार्टी की ओर से मुकेश सहनी ने कहा है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसी बीच यह भी कहा जा रहा है कि 16 मार्च यानि शनिवार को गठबंधन दल के कुछ नेता लालू प्रसाद से मुलाकात करेंगे. जाहिर है गठबंधन के भीतर अभी भी खींचतान है और सीट शेयरिंग पर अभी और मंथन होना बाकी है.

सवाल उठ रहा है कि आखिर बात कहां अटकी है. तो आइए एक नजर डालते हैं उन सीटों पर जहां पेच फंसा हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीतन राम मांझी चाहते हैं कि उन्हें गया, औरंगाबाद और नालंदा की सीटें मिले. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि महागठबंधन में उनकी भूमिका तीसरे सबसे बड़े दल की हो. यानि किसी भी हालत में आरएलएसपी से एक सीट अधिक चाहते हैं मांझी. वहीं मुजफ्फरपुर सीट पर भी वह दावेदारी ठोक रहे हैं.

दूसरी ओर विकासशील इंसाफ पार्टी यानि VIP के प्रमुख मुकेश साहनी ने भी साफ कहा है कि वे चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. जाहिर है उनकी भी नाराजगी सामने आ गई है. वे चाहते हैं कि मुजफ्फरपुर और दरभंगा सीट उन्हें मिले. इसके अलावा वे एक सीट और चाहते हैं. जबकि पेच ये है कि कांग्रेस कीर्ति झा आजाद को दरभंगा से मैदान में उतारनी चाहती है. वहीं औरंगाबाद सीट, जो कांग्रेस की परम्परागत सीट मानी जाती है उसे भी वह छोड़ना नहीं चाहती है.

तीसरा पेच आरजेडी में भी फंसा हुआ है. यहां अशरफ अली फातमी दरभंगा से लड़ना चाहते हैं. हालांकि उन्हें फिलहाल मधुबनी से खड़ा करने की चर्चा चल रही है. लेकिन यहां आरजेडी के ही अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव लड़ना चाहते हैं. जाहिर है पेच फंसा हुआ है.

पूर्वी चम्पारण सीट पर भी तीन दावेदार सामने आ रहे हैं. आरएलएसपी से माधव आनंद, आरजेडी से विनोद श्रीवास्तव, वीआईपी से मुकेश सहनी की वीआईपी टिकट चाह रही है. जबकि बेगूसराय में भी आरजेडी और सीपीआई के बीच पेच फंसा हुआ है.

सूत्रों के अनुसार आरजेडी नेता तनवीर हसन ने साफ कह दिया है कि अगर पार्टी उन्हें नहीं उतरती है तो वह पार्टी छोड़ देंगे. जबकि सीपीआई कन्हैया कुमार को हर हाल में बेगूसराय से चुनाव लड़वाना चाह रही है.

जहानाबाद सीट पर भी वर्तमान सांसद अरुण कुमार के साथ मांझी और भाकपा माले के बीच रस्साकशी चल रही है. जबकि सीवान में आरजेडी की ओर से हिना शाहाब का टिकट पक्का माना जा रहा है, लेकिन वामपंथी दल यहां से अपनी दावेदारी जता रहे हैं.

पूर्णिया और मधेपुरा में पप्पू यादव फैक्टर भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनातनी का कारण है. दरअसल कांग्रेस चाहती है कि मधेपुरा से पप्पू यादव लड़ें जबकि आरजेडी शरद यादव की दावेदारी के साथ खड़ी है. वहीं पप्पू ने पूर्णिया से अपनी उम्मीदवारी की बात कह कर महागठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है.

एक और महत्वपूर्ण सीट मुंगेर है. यहां से बाहुबली अनंत सिंह की दावेदारी है जिसे आरजेडी पसंद नहीं करती है. वहीं कांग्रेस चाहती है कि अनंत वहां से चुनाव लड़ें. हालांकि आरजेडी के ऐतराज के बाद कांग्रेस उसे मांझी की पार्टी से खड़ा कर सकती है, लेकिन अब भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है.

सूत्र के मुताबिक महागठबंधन में आरजेडी को 18 सीट, कांग्रेस को 12, आरएलएसपी को 4 , हम को 1 और वीआईपी पार्टी को 1 और लेफ्ट के लिए 4 सीट देने पर ही जीतन राम मांझी नाराज हुए हैं. सीट को लेकर नाराज मांझी के लिए 1 भी सीट बढ़ायी जाती है तो सीटों का नुकसान कांग्रेस को होगा. हालांकि कल यह फॉर्मूला 20 आरजेडी और 11 कांग्रेस के साथ सामने आया था. बाकी 9 सीटों में शेष दल शामिल थे.
 

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