फीमेल इजैक्युलेशन- सच में होता है या नहीं?

हम सब मेल इजैक्युलेशन के बारे में तो बहुत कुछ जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी फीमेल इजैक्युलेशन के बारे में सुना है? क्या इसका मतलब यह निकाला जाए कि फीमेल इजैक्युलेशन होता ही नहीं या फिर यह कोई ऐसी अनोखी और अनसुनी चीज है जो महिलाओं के साथ होती है? अगर आप भी उन महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने सेक्स के दौरान कभी-न-कभी पार्टनर पर squirting की है, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि फीमेल इजैक्युलेशन रियल में होता है…

ऑनलाइन सर्वे में हुआ खुलासा
हाल ही में हुए एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक पिछले कई सालों से विवाद का विषय रहा फीमेल इजैक्युलेशन हकीकत में होता है और जहां तक किसी महिला के सेक्स लाइफ का संबंध है तो इस फीमेल इजैक्युलेशन का महिला के शरीर पर पॉजिटिव असर होता है। हालांकि बड़ी संख्या में महिलाएं हेल्थ एक्सपर्ट्स के सामने भी इस बारे में बात करने से कतराती हैं क्योंकि इस बारे में बात करने पर उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है और ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि इजैक्युलेशन का संबंध सिर्फ पुरुषों से है।

28 ग्राम तक फ्लूइड निकलता है शरीर से
आपको जानकर हैरानी होगी कि सेक्स के दौरान जिन महिलाओं के शरीर से इजैक्युलेशन होता है, उनके शरीर से एक बार में करीब 28 ग्राम तक क्लियर फ्लूइड निकलता है जो इतना होता है कि इससे आपके बिस्तर की चादर गीली हो सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह इजैक्युलेशन नहीं बल्कि peeing है लेकिन बहुत से अनुसंधानकर्ता इसे पूरी तरह से यूरीन नहीं मानते। इसे समझना कुछ हद तक कॉम्प्लिकेटेड हो सकता है लेकिन कुछ महिलाओं को इजैक्युलेशन होता है जबकि बाकी महिलाओं के शरीर से सेक्स के बाद डाइल्युटेड यूरीन निकलता है।

हेल्दी सेक्स लाइफ
जो महिलाएं इजैक्युलेट नहीं करतीं इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि उनकी सेक्स लाइफ हेल्दी नहीं है। फोरप्ले के दौरान जी-स्पॉट के स्टिम्युलेशन से या फिर किसी सेक्स टॉय की मदद से जब प्राइवेट पार्ट में उत्तेजना होती है तो इजैक्युलेशन हो सकता है।

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