फल खाते वक्त कभी न करें ये गलतियां, आयुर्वेद में बताया गया सही तरीका

फ्रूट्स इस दुनिया के लिए प्रकृति का वरदान हैं। यह दुनिया के सबसे हेल्दी फूड्स में से हैं बशर्ते हम इन्हें सही तरीके से खाएं। जी हां, आप इन्हें कैसे खा रहे हैं इस बात का काफी फर्क पड़ता है। जब फ्रूट्स की बात आती है तो आयुर्वेद में इन्हें खाने के कुछ नियम बताए गए हैं। जानें इन्हें खाने के क्या हैं नियम…

ऐसे फल दूध में न मिलाएं
आयुर्वेद के मुताबिक जो फल पूरी तरह से मीठे न हों इन्हें दूध में न मिलाएं। जिन फलों में जरा भी ऐसिड की मात्रा होती है उन्हें दूध में नहीं मिलाना चाहिए। जैसे दूध में बेरीज न मिलाएं, भले ही केला मीठा होता है लेकिन इसे भी दूध में नहीं मिलाना चाहिए।

खाने के तुरंत बाद न खाएं फल
आयुर्वेद में किसी भी वक्त खाना खाने के तुरंत बाद कोई भी फल खाने की मनाही होती है। इसके पीछे बेसिक रीजन यह है कि फल आपके डाइजेशन की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। फल खाने से पेट में फर्मंटेशन शुरू हो सकता है जिससे पूरा डाइजेशन बिगड़ सकता है। इससे ऐसिडिटी भी हो जाती है।

सब्जियों के साथ न खाएं फल
आयुर्वेद के मुताबिक बिना पके खाने के साथ कभी भी पका हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। क्योंकि फल कच्चे खाए जाते हैं, इसलिए इन दोनों को साथ नहीं खाना चाहिए। फल और सब्जियों को पचाने में अलग-अलग एनर्जी की जरूरत होती है, इसलिए इन्हें एक साथ खाना ठीक नहीं।

पैक्ड जूस न लें
फलों में जो प्राकृतिक मिठास और फ्लेवर होता है वही सबसे ज्यादा पोषक होता है। लेकिन कैन्ड जूस में ऑर्टिफिशल स्वीटनर्स और प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक जूस निकालकर रखना ठीक नहीं बल्कि इन्हें तुरंत पी लेना चाहिए।

इस वक्त खाएं फल
आयुर्वेद के मुताबिक फल खाने का बेस्ट टाइम सुबह का वक्त है। सिट्रस (खट्टे) फलों को छोड़कर कोई भी फल खाली पेट खाए जा सकते हैं। इनमें केला, नाशपाती, पीच वगैरह शामिल हैं। सेव खासतौर पर सुबह के वक्त खाना चाहिए क्योंकि इसमें पेक्टिन हता है जो कि आपकी आंत को हेल्दी रखता है।

ऐसे खाने से घटेगा वजन
आयुर्वेद में हमेशा रेकमेंड किया जाता है कि खाने के थोड़ी देर पहले फल खाएं क्योंकि इनको पचाने में कम वक्त लगता है। ऐसा करने से आप ओवर ईटिंग से भी बचेंगे।

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