फर्जी असलहा मामले में सिटी मजिस्ट्रेट से चार्ज छिना, कार्रवाई की संस्तुति

 कानपुर 
फर्जी असलहा प्रकरण में बड़ी कार्रवाई की गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर फर्जी बुकलेट जारी करने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश श्रीवास्तव की जिम्मेदारी तय की गई। आयुध प्रभारी का काम छीन लिया गया और शासन से विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कर दी गई। दो लिपिकों निलंबित कर दिया गया। एक लिपिक समेत तीन के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट पर लापरवाही का आरोप
सीडीओ अक्षय त्रिपाठी और एडीएम आपूर्ति डॉ. बसंत अग्रवाल की टीम ने शुक्रवार देर रात जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। जांच अधिकारियों ने फर्जी असलहा बुकलेट जारी करने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया कि सिटी मजिस्ट्रेट ने ठीक से निगरानी नहीं की। लिपिक फाइलें लाते रहे और बगैर देखे दस्तख्वत करते गए। उन्हें शिथिल पर्यवेक्षण का दोषी ठहराया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट की लापरवाही के कारण ही 90 फर्जी असलहा बुकलेट जारी हो गई। लाइसेंस जारी करने की कोई प्रक्रिया अपनाई नहीं गई। 

दो लिपिकों को निलंबित करने के आदेश
डीएम ने जांच रिपोर्ट में असलहा विभाग में तैनात कनिष्ठ लिपिक विनीत तिवारी और संजय को निलंबित कर दिया है। संजय नए लाइसेंस की पत्रावली पुलिस और तहसील की रिपोर्ट के साथ एडीएम सिटी के जरिए डीएम को भेजते थे। डीएम की मंजूरी के बाद लौटने वाली फाइलों को देखने की जिम्मेदारी विनीत की थी। विनीत पत्रावली के आधार पर स्वीकृत लाइसेंसों की बुकलेट तैयार करते थे और सिटी मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर कराकर लाइसेंसधारक को मुहैया कराते थे। फर्जीवाड़े में दोनों की भूमिका जांच में साबित हुई है। जांच अधिकारी ने दोनों कनिष्ठ लिपिकों के निलंबन की सिफारिश की थी। डीएम ने देर रात निलंबित कर दिया।

वरिष्ठ असलहा लिपिक हटाए गए
असलहा विभाग के वरिष्ठ लिपिक चंद्रहास चौहान को भी विभाग से हटा दिया गया है। जांच में चंद्रहास की सीधी भूमिका तो नहीं पाई गई लेकिन आशंका जताई गई कि फर्जीवाड़े के बारे में उन्हें जानकारी थी। इसके बावजूद उच्चाधिकारियों को सूचित नहीं किया। दोनों दोनों कनिष्ठ लिपिक बगल में ही बैठकर फर्जी लाइसेंस जारी करते रहे लेकिन उन्हें क्यों जानकारी नहीं हुई। जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं दी। इस आधार पर चंद्रहास को असलहा विभाग से हटा दिया गया। 

तीन के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर
जांच अधिकारियों ने असलहा विभाग के कनिष्ठ लिपिक विनीत तिवारी, कारीगर जितेंद्र और एक अन्य की जिम्मेदारी तय करते हुए एफआईआर के आदेश दिए हैं। तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। आरोप है कि कनिष्ठ लिपिक विनीत तिवारी की निगरानी में बाहरी कर्मचारी जितेंद्र और उसका साथी फर्जी लाइसेंस जारी कराते थे। जितेंद्र और उसका साथी ही बाहरी लोगों से सौदा तय करता था और कलेक्ट्रेट से फर्जी लाइसेंस बुकलेट जारी करा देता था।

सभी फर्जी लाइसेंस बुकलेट निरस्त होंगी
जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्ट्रेट से जारी सभी 90 फर्जी असलहा बुकलेट निरस्त की जाएगी। डीएम ने एडीएम सिटी को आदेश दिया है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत फर्जी लाइसेंस बुकलेट रद करें। फर्जी 90 बुकलेट में से 73 तो लाइसेंसियों को जारी कर दी गई थी लेकिन 17 कलेक्ट्रेट कार्यालय में ही मिली। यह बुकलेट भी जारी हो जाती लेकिन तब तक मामला खुल गया।

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