प्लैटफॉर्मों पर दुकान अभी वेंडर दुकान नहीं खोलना चाहते

नई दिल्ली
रेलवे फूड वेंडिंग असोसिएशन ने कहा है कि वह कोविड-19 संकट के कारण अभी देश में रेलवे प्लैटफॉर्म पर सेवाएं शुरू करने को तैयार नहीं है। इसने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे दुकान खोलने का दबाव न बनाएं। कोरोना वायरस के संक्रमणरोकने के लिए 25 मार्च को कोविड-19 लॉकडाउन शुरू होने के समय से ही रेलवे प्लैटफॉर्म पर दुकानें बंद हैं।

हालांकि, रेलवे बोर्ड ने 21 मई को एक पत्र के जरिए सभी क्षेत्रीय रेल इकाइयों को रेलवे स्टेशनों के अंदर स्थित सभी दुकानों को तत्काल प्रभाव से खोलने का निर्देश दिया। अखिल भारतीय रेलवे खान-पान लाइसेंसेज वेल्फेयर असोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र गुप्ता ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी के यादव को 28 मई को एक पत्र लिखकर कहा, 'कोई भी अपने व्यवसाय को लंबे समय तक बंद नहीं रखना चाहता और खाली नहीं बैठना चाहता, लेकिन अपनी इकाइयों को अनुकूल स्थितियों में संचालित करना चाहता है।' उन्होंने कहा, 'देश के अधिकतर राज्यों में जारी लॉकडाउन/निषिद्ध क्षेत्रों/रेड जोन की वजह से इकाइयों (दुकानों) को फिर से खोलने में बहुत सी बाधाएं और अभूतपूर्व स्थितियां हैं।'

पत्र में यह भी कहा गया है कि अधिकतर विक्रेता लॉकडाउन की वजह से अपने घर चले गए हैं। इसमें विक्रेताओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा गया कि प्लैटफॉर्म पर व्यक्तियों और सामग्री की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है। गुप्ता ने पत्र में कहा गया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रवासी मजदूरों को लगातार ले जा रही हैं जो लूटपाट और तोड़फोड कर रहे हैं तथा उन्होंने कुछ दुकानों भारी नुकसान पहुंचाया है।

असोसिएशन ने रेलवे से यह आग्रह किया कि प्लैटफॉर्म स्थित दुकानों को दोबारा खोलने का उचित समय दिया जाना चाहिए। इसने कहा कि दुकानें खोलने के लिए अधिकारियों को भय का माहौल उत्पन्न करने और दबाव बनाने से रोका जाना चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया कि क्योंकि अभी बहुत कम ट्रेन चल रही हैं, इसलिए इस समय दुकानें खोलने का कोई औचित्य नहीं है। देश में नौ हजार रेलवे स्टेशनों पर लगभग एक लाख स्थायी दुकान हैं।

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