प्रेग्‍नेंसी में एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल करना कितना सही है?

 नई दिल्ली
प्रेग्‍नेंसी में एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल करना कितना सही है?एसेंशियल ऑयल बहुत तेज होते हैं इसलिए इन्‍हें हमेशा कैरियल ऑयल (पौधों से प्राप्‍त) के साथ मिलाकर ही लगाया जाता है। खुशबू, सेहत और स्किन केयर जैसे कई कामों में एसेंशियल ऑयल उपयोगी होते हैं। चूंकि, एसेंशियल ऑयल बहुत तेज होते हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को इनके इस्‍तेमाल को लेकर हिचक रहती है।
कई एमरोमाथेरेपिस्‍ट गर्भवती महिलाओं को एसेंशियल ऑयल इस्‍तेमाल करने की सलाह देते हैं जबकि इस बात को लेकर कोई एक राय नहीं है।
प्रेगनेंट महिलाओं को किसी भी एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल करने से पहले ये जान लेना चाहिए कि उनके लिए ये सुरक्षित है या नहीं है और अगर है तो वो कौन-से एसेंशियल ऑयल प्रयोग कर सकती हैं।
 
गर्भावस्‍था की पहली तिमाही के बाद गर्भवती महिलाएं एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। कहा जाता है कि एसेंशियल ऑयल प्‍लेसेंट के जरिए शिशु तक पहुंच सकता है। हालांकि, इस विषय पर अभी कोई रिसर्च नहीं की गई है।

अगर आप पहली तिमाही से पहले ही एसेंशियल ऑयल इस्‍तेमाल करना चाहती हैं तो एक बार डॉक्‍टर या प्रेगनेंट महिलाओं का इलाज करने वाले एरोमाथेरेपिस्‍ट से बात जरूर कर लें। प्रेग्‍नेंसी की पहली तिमाही के बाद भी आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि आपको किस तेल का इस्‍तेमाल करना है और किसका नहीं।
 
​प्रेग्‍नेंसी में एसेंशियल ऑयल के फायदे
 अगर सही मात्रा में एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल किया जाए तो प्रेग्‍नेंसी के कई लक्षणों को ठीक किया जा सकता है, जैसे कि :

जी मतली : लैवेंडर, चंदन या जिंजर डिफ्यूजर की मालिश से प्रेग्‍नेंसी में मतली से राहत मिल सकती है।
पाचन में सुधार : पेपरमिंट ऑयल सीने में जलन को दूर कर सकता है। इससे पेट की मालिश कर सकते हैं।
डिटॉक्‍स : लेमन ऑयल जैसे तेल शरीर से विषाक्‍त पदार्थों को बाहर निकालते हैं।
पेट फूलना : प्रेगनेंट महिलाओं को पेट फूलने की समस्‍या भी रहती है। अदरक जैसे एसेंशियल ऑयल से पेट को आराम मिलता है ब्‍लोटिंग ठीक होती है।
अनिद्रा : प्रेग्‍नेंसी में स्‍ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्‍जायटी और अनिद्रा की समस्‍या भी रहती है। ऐसे कई एसेंशियल ऑयल हैं जो इन समस्‍याओं से राहत दिलाते हैं।
​ये एसेंशियल ऑयल हैं सुरक्षित

जिरेनियम, लैवेंडर, सिप्रेस, जर्मन कैमोमाइल, कॉमन लैवेंडर, स्‍वीट ऑरेंज, स्‍वीट मरजोरम, यूकेलिप्‍टस और नेरोली ऑयल प्रेग्‍नेंसी में बिलकुल सुरक्षित होते हैं। इन एसेंशियल ऑयल की मदद से प्रेग्‍नेंसी में होने वाली कई परेशानियों को ठीक किया जा सकता है।

 
पहली तिमाही में शिशु का विकास शुरू ही हुआ होता है और उसक शरीर बहुत संवेदनशील होता है इसलिए इन तीन महीनों में एसेंशियल ऑयल का इस्‍तेमाल करने से बचें।
एसेंशियल ऑयल की वजह से गर्भपात हो सकता है इसलिए एरोमाथेरेपिस्‍ट से सलाह लेने के बाद ही इनका इस्‍तेमाल करना चाहिए।
धूप में निकलने से पहले एसेंशियल ऑयल न लगाएं।
लंबे समय तक प्‍लास्टिक की बोतल में रखे गए ऑयल इस्‍तेमाल न करें।
थायराइड के मरीजों को एसेंशियल ऑयल न लगाएं।
अगर आपका पहले भी मिसकैरेज हो चुका है तो एसेंशियल ऑयल न लगाएं।
​ये एसेंशियल ऑयल इस्‍तेमाल करने से बचें
 कुछ एसेंशियल ऑयल ऐसे हैं जो प्रेग्‍नेंसी में जटिलताएं पैदा कर सकते हैं और इनके इस्‍तेमाल से बचना चाहिए। गर्भावस्‍था में फेनल, क्‍लैरी सेज, मरजोरम, दालचीनी, थुजा, मगवोर्ट, बिर्च, विंटरग्रीन, कैंफर, हिस्‍सोप, एनिसीड, टैंसी, वोमर्मवुड का प्रयोग करने से बचें।

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