प्राचार्य-लेक्चरर पर जांच की तलवार, फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप

भोपाल
तकनीकी शिक्षा विभाग दो प्राचार्य और दो लेक्चरर पर जांच की तलवार लटक रही है। एक प्राचार्य और एक लेक्चरर पर जांच शुरू हो गई है। जबकि एक लेक्चरर और प्राचार्य की जांच कराने के लिए तकनीकी शिक्षा मंत्री का अनुमोदन होना शेष है। वहीं एमसीयू ने प्रोफेसर को तीन माह का वेतन नहीं देने पर नोटिस दिया है।

विभाग में पदस्थ प्राचार्य चंद्रशेखर ढबू पर जांच का दायित्व इटारसी प्राचार्य आरएस लौवंशी को दिया गया है। ढबू के प्रकरण में प्राचार्य लौवंशी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके चलते उन्हें दो माह का वेतन भी नहीं मिल सका है। उनके खिलाफ शिकायतकर्ता ने शपथपत्र के साथ उनकी आवाज की एक सीडी भी प्रस्तुत की है। सीहोर पालीटेक्निक में पदस्थ पंकज जैन ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की है। उनकी जांच भी इटारसी प्राचार्य आरएस लौवंशी करेंगे। प्राचार्य लौवंशी दोनों प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे, जिसके बाद आगामी कार्रवाई तय की जाएगी।

महिला पालीटेक्निक सीहोर में नकल कराए जाने पर प्राचार्य डीआर वर्मा के खिलाफ जांच कराने के लिए तकनीकी शिक्षाविभाग ने फाइल को तकनीकी शिक्षामंत्री बाला बच्चन के पास भेज दी है, जिसमें नकल कराने के सभी साक्ष्य दिए गए हैं। वहीं काउंसलिंग नोडल अधिकारी सीमा कीर को काउंसलिंग में गड़बड़ी करने नोडल अधिकारी के पद से हटा दिया है। अब विभाग उनके खिलाफ जांच कराने की फाइल शासन को भेज दी है।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्टÑीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरुण भगत ने इस्तीफा भेज बिहार के मोतीहारी केंद्रीय विवि में ज्वाइनिंग दी है। प्रो. भगत नेहरू म्यूजियम दिल्ली में सीनियर फेलो के रूप में एमसीयू से प्रतिनियुक्ति पर गए थे। यहां से उन्होंने बिहार के महात्मा गांधी केंद्रीय विवि मोतीहारी में प्रोफेसर बन गए हैं। उन्होंने मोतीहारी से अपना इस्तीफा एमसीयू भेज दिया है, लेकिन नियमानुसर उन्होंने एमसीयू में तीन माह का वेतन जमा नहीं किया है। इसके चलते एमसीयू ने उन्हें नोटिस देकर जवाब तलब किया है। वेतन जमा नहीं करने की दशा में एमसीयू उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा करने पर एफआईआर दर्ज कराने की व्यवस्था जमा रहा है। 

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