प्रशासन की मॉनिटरिंग में लगवाएगा रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
रायपुर
औद्योगिक इकाइयों पर नोटिस बेअसर होने के बाद अब प्रशासन खुद ही रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए बकायदे प्रशासन अफसरों की टीम गठित करेगा। इनकी जिम्मेदारी होगी, इकाइयों के प्रबंधन से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए एक अवधि तय करेगा। इसके अंदर इन्हें हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जाना अनिवार्य होगा।
अभी तक सिर्फ एक परंपरा के मुताबिक मानसून के दौरान रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करने के लिए अफसरों की टीमें गठित की जाती थीं। हैरतवाली बात है कि पिछले पांच साल से रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच सरकारी कार्यालयों और औद्योगिक इकाइयों में की गई।
जहां हर बार रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के फेल पाए जाने और नहीं लगाए जाने की बात सामने आती रही है, लेकिन इसके बावजूद सिर्फ प्रशासन द्वारा नोटिस के जवाब देने के साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिए जाने की सूचना भी दी जाती रही। हकीकत में सिस्टम को मानक के अनुरूप बनाए जाने के बजाय महज खानापूर्ति ही हुई। इनकी जांच के लिए 20 अफसरों की टीमें गठित की गई थीं।
सिस्टम नहीं होने का नतीजा, लाखों लीटर पानी हुआ बर्बाद
औद्योगिक इकाइयों में हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने से करीब लाखों लीटर से अधिक पानी बर्बाद हो जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक उरला और सिलतरा की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के प्रबंधन के लिए भी गाइड लाइन है, जिसे नियम के मुताबिक फिल्टर सिस्टम से शुद्ध करने के बाद ही इसे भू-गर्भ में रिचार्ज कराने का प्रावधान है, लेकिन जिसे गड्ढे और नाले के जरिए बहा दिया गया।